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इन मासूमों का क्या कसूर है, सरकार को कब आएगा तरस : भावना पांडे

देहरादून। उत्तराखंड के पहाड़ी एवं अति दुर्गम इलाकों में शिक्षा व्यवस्था का बहुत बुरा हाल है। शिक्षा पाने के लिए पहाड़ के बच्चों को आज भी कड़ा संघर्ष करना पड़ता है। बीते 22 वर्षों में भी राज्य की ये सूरत और पहाड़वासियों की दशा नहीं बदली, आखिर कब सुध लेगी सरकार। ये कहना है वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी, प्रसिद्ध जनसेवी एवँ जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे का।

जनसेवी भावना पांडे ने उत्तराखंड के पहाड़ों के मौजूदा हालात और पहाड़ वासियों की पीड़ा बयां करते हुए कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ी एवं अति दुर्गम इलाकों में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है, या यूं कहें कि न के बराबर ही है। पहाड़ों में आज भी स्कूलों का अभाव है। अतिदुर्गम इलाकों में जो एकाध स्कूल है भी तो वहाँ पांच कक्षाओं को महज एक अध्यापक के भरोसे छोड़ दिया गया है।

वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने पहाड़ का गंभीर मुद्दा उठाते हुए कहा कि आज भी पहाड़ की जनता मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रही है। पहाड़ों में कईं ग्राम सभाओं में पक्की सड़कें नहीं है और जो स्कूल हैं भी तो वे बहुत दूर हैं। जिस वजह से गाँव के छोटे-छोटे मासूम बच्चों को कईं किलोमीटर पैदल चलकर, पथरीले रास्तों पर चढ़ाई चढ़कर, कईं जगहों पर उफनते नालों को पार कर व अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल पढ़ने जाना पड़ता है। वहीं पहाड़ की विपरीत परिस्थितियों एवं अधिकतर खराब मौसम होने के कारण छात्रों को अधिक संघर्ष करना पड़ता है।

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उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में पहाड़ों के दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षक तैनात होने से कतराते हैं और सुगम क्षेत्रों में अपना तबादला करवाने के लिए जुगत लगाते व नेताओं की परिक्रमा करते दिखाई देते हैं। ऐसे अतिपिछड़े स्कूलों में जहाँ सुविधाओं का अभाव है जब बच्चे जान हथेली पर रखकर पढ़ने पहुंचते हैं तो अधिकतर शिक्षक ही नदारद मिलते हैं।

जनसेवी भावना पांडे ने ऐसी स्थिति पर अफसोस जताते हुए कहा कि ऐसे स्कूलों में इक्का-दुक्का टीचर्स ही सेवाएं दे रहे होते हैं और वो भी अक्सर किसी न किसी बहाने से छुट्टी पर रहते हैं, फिर भला ऐसे में हमारे पहाड़ के बच्चों को कैसे शिक्षा मिल पाएगी और कैसे उनका विकास होगा।

जेसीपी मुखिया भावना पांडे ने उत्तराखंड सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि आखिर इन मासूम बच्चों पर सरकार को कब तरस आएगा। कब पहाड़ों की स्थिति बदलेगी और कब दुर्गम क्षेत्रों में बसे लोगों की सुध लेगी सरकार। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों बाद अब बरसात आने वाली है, ऐसे में पहाड़ी इलाकों में बसे लोगों का जीवन औऱ भी कठिन हो जाता है। सरकार को चाहिए कि राज्य के अति दुर्गम क्षेत्रों का मुआयना करवाकर वहाँ सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया करवाई जाएं।

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