मौसम के मिजाज को देखते हुए जनसेवी अजय सोनकर ने व्यक्त की चिंता, लोगों से की ये अपील
जनसेवी अजय सोनकर वार्ड की जनता के हित के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। उन्होंने अपने स्तर से पीड़ित लोगों की मदद का हर संभव प्रयास किया है। उन्होंने बरसात के दौरान लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है।
देहरादून। उत्तराखंड में इन दिनों भारी बरसात का सिलसिला जारी है। वहीं मौसम विभाग ने भी प्रदेश के कुछ जिलों में भारी वर्षा को लेकर रेड व येलो अलर्ट जारी कर दिया है। भारी बरसात के कारण नदी व नाले उफान पर हैं और लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में मौसम के मिजाज को देखते हुए जनसेवी अजय सोनकर ने चिंता व्यक्त की है।
वार्ड संख्या 18 इंदिरा कॉलोनी, चुक्खुवाला के पूर्व नगर निगम पार्षद अजय सोनकर ने कहा कि उनका अधिकांश क्षेत्र बिंदाल नदी के किनारे बसा है। बरसात के दिनों में अक्सर वर्षा का पानी क्षेत्रवासियों के घरों के भीतर घुस जाता है, जिससे लोगों को मुश्किलों के साथ ही भारी नुकसान भी झेलना पड़ता है।
वरिष्ठ भाजपा नेता अजय सोनकर ने कहा कि अभी हाल ही में भारी वर्षा के कारण बिंदाल नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया था और नदी का पानी वार्ड के कईं घरों में घुस गया था। ऐसे में सूचना पाकर उन्होंने तत्काल मौके पर पहुंचकर क्षेत्रवासियों की सुध ली एवं अपने क्षेत्र के विधायक खजान दास को भी सूचना देकर घटना से अवगत कराया। वहीं सूचना पाकर घटना स्थल पर पहुंचे राजपुर रोड विधायक खजान दास ने मौके का मुआयना किया और लोगों के नुकसान का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने क्षेत्रवासियों को मदद का आश्वासन भी दिया।
गौरतलब है कि जनसेवी अजय सोनकर वार्ड की जनता के हित के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। उन्होंने अपने स्तर से पीड़ित लोगों की मदद का हर संभव प्रयास किया है। उन्होंने बरसात के दौरान लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि भारी वर्षा के दौरान नदी, नालों के किनारे व पहाड़ी क्षेत्रों में बसे लोग बेहद सर्तक रहें। बरसात के दौरान जहां नदी-नालों का जलस्तर बढ़ जाता है तो वहीं पहाड़ों में भूस्खलन की घटनाएं भी बढ़ जाती हैं। उन्होंने उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों से निवेदन करते हुए कहा कि भारी बरसात के मद्देनजर फिलहाल पहाड़ों की यात्रा स्थगित कर दें, भारी वर्षा व भूस्खलन के दौरान यात्रा करने से बचें और सुरक्षित स्थानों पर ठहर जाएं। ध्यान रहे सावधानी व सुरक्षा से ही बचाव संभव है।