सेना ने नहीं दी मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर को उतरने की इज़ाज़त
देहरादून। बीते रोज सेना ने सीएम के हेलीकॉप्टर को अपने जीटीसी स्थित हेलीपैड पर उतरने नहीं दिया। बकायदा हेलीपैड पर दो ड्रम रखे हुए थे। इस पर पायलट हेलीकॉप्टर को दूसरी जगह पर उतारा। इस दौरान हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने बाल-बाल बच गया। बीते सुबह मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को हेलीकाप्टर से उत्तरकाशी जिले के सांवणी गांव में अग्निकांड पीड़ितों का हाल चाल जानने और प्रभावित परिवारों को राहत राशि देने के लिए जाना था। उन्हें उत्तरकाशी में जखोल के अस्थायी हैलीपैड में उतरना था। इसके लिए देहरादून कैंट स्थित जीटीसी हैलीपैड से मुख्यमंत्री के हेलीकाप्टर को प्रस्थान करना था।
जीओसी ने सीओ सिटी और थानाध्यक्ष कैंट को धमकाया और कहा कि यह हमारा एरिया है और अपने सीएम को बता दो कि यहां हमारी मर्जी से ही आप लोग आ जा सकते हैं। अब आगे सब पुलिस वाले अपनी गाड़ियों के साथ बाहर ही रहेंगे, लेकिन मुख्यमंत्री के वाहन को उनके द्वारा जाने के लिए जगह दे दी गई। उसके बाद मुख्यमंत्री ने हेलीकाप्टर से वहां से उत्तरकाशी के लिए प्रस्थान किया।
दोपहर साढ़े तीन बजे जब मुख्यमंत्री का हेलीकाप्टर जीटीसी पर बने हेलीपैड पर उतर रहा था, तो उसी वक्त कुछ सेना के जवानों ने हेलीपेड पर दो ड्रम रखकर हेलीकाप्टर की लैंडिंग में अवरोध पैदा कर दिया। पायलट को भी हेलीकॉप्टर से हेलीपैड पर रखे ड्रम नहीं दिखाई दिए, जब हेलीकाप्टर लैंड करने के लिए नीचे उतर रहा था, उसी दौरान पायलट को ड्रम दिखाई दिए। पायलट ने समझदारी से काम लेते हुए तत्काल हेलीकाप्टर को दूसरी जगह पर लैंड किया। अन्यथा कोई बड़ा हादसा हो सकता था। सीएम ने भी मामले में नाराजगी जताई। कहा, जमीन सेना की निजी नहीं है, यह भारत देश की जमीन है।
मुख्यमंत्री के मुख्य सुरक्षा अधिकारी ने इस संबंध में थाना कैंट में रिपोर्ट लिखाई है। साथ ही इसकी प्रति अपर पुलिस महानिदेशक (अभियोजन और सुरक्षा) को देकर जरूरी कार्रवाई के लिए लिखा है। अपर सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ सिटी की ओर से भी इस संबंध में जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को रिपोर्ट भेजी है।