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वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी भावना पांडे ने की मांग, गैरसेंण को बनाया जाए राज्य की स्थाई राजधानी

देवभूमि की बेटी भावना पांडे ने उत्तराखंड की मौजूदा स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश की हालत बद् से बद्तर होती जा रही है। उत्तराखंड सरकार पर अफसरशाही हावी है। अधिकारी सरकार की नहीं सुनते और मनमानी करते हैं, जिसका खामियाजा राज्य की मासूम जनता को भुगतना पड़ता है।

देहरादून। उत्तराखंड की बेटी, वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी, प्रसिद्ध जनसेवी एवं जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केन्द्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सलाह देते हुए कहा कि उत्तराखंड में बेलगाम हो चुके अधिकारियों पर तत्काल नियंत्रण किया जाये। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि प्रदेश की जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए गैरसेंण को राज्य की स्थाई राजधानी बनाया जाए।

देवभूमि की बेटी भावना पांडे ने उत्तराखंड की मौजूदा स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश की हालत बद् से बद्तर होती जा रही है। उत्तराखंड सरकार पर अफसरशाही हावी है। अधिकारी सरकार की नहीं सुनते और मनमानी करते हैं, जिसका खामियाजा राज्य की मासूम जनता को भुगतना पड़ता है। उन्होंने मुख्यमंत्री धामी से मांग करते हुए कहा कि राज्य में बेकाबू हो चुके अधिकारियों पर लगाम लगाई जाए जिससे आम जनता को राहत मिल सके।

वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी भावना पांडे ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि उत्तराखंड में कुशल एवं कार्य करने वाले अधिकारियों को नियुक्त करना चाहिए जो प्रदेश हित में कुछ बेहतर कार्य भी करें। उन्होंने मुख्यमंत्री धामी को संदेश देते हुए कहा कि यदि मुख्यमंत्री को लंबे समय तक कुर्सी पर टिके रहना है तो उन्हें राज्य के बेरोजगार युवाओं के बारे में गंभीरता से सोचना होगा और राज्य के सभी बेरोजगारों को रोजगार मुहैया करवाना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य की सरकारी नौकरियों में मूल निवास प्रमाण पत्र अनिवार्य किया जाए एवं बीते 20 वर्षों से उत्तराखंड में रह रहे युवाओं को यहां का मूल निवासी मानते हुए उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाया जाए। इसके साथ ही नौकरियों की भर्ती परिक्षाओं में होने वाली धांधली को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।

उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने मांग करते हुए कहा कि राज्य की आम जनता के हित में एवं प्रदेश की जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए गैरसेंण को राज्य की स्थाई राजधानी बनाया जाए। उन्होंने नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राज्य के नेताओं ने आमजन को गुमराह कर करोड़ों रूपये गैरसेंण में लगा दिये किन्तु अभी तक उसे राज्य की स्थाई राजधानी घोषित नहीं किया गया। आलम ये है कि आज कोई भी नेता गैरसेंण का रूख नहीं करना चाहता ये, गैरसेंण के निवासियों समेत पूरे प्रदेश की जनता के साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही गैरसेंण में सचिवालय का निर्माण कर उसे स्थाई राजधानी घोषित किया जाए।

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