Breaking NewsUttarakhand

वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने की माँग, गैरसैंण को उत्तराखंड की स्थाई राजधानी घोषित करे सरकार

देहरादून। उत्तराखंड की वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी, प्रसिद्ध समाजसेवी एवँ जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने एक बार फिर उत्तराखंड की स्थाई राजधानी का मुद्दा उठाया है। उन्होंने गैरसैंण को प्रदेश की स्थाई राजधानी घोषित करने की मांग करते हुए कहा कि गैरसैंण को उत्तराखंड की स्थाई राजधानी के रूप में देखने का आंदोलनकारियों का ख्वाब आज भी अधूरा है।

वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने सरकार से स्थाई राजधानी की मांग करते हुए कहा कि उत्तराखंड को पृथक राज्य के रूप में अस्तित्व में आए 22 वर्षों का समय व्यतीत हो चुका है किन्तु इतने सालों में भी भाजपा और कांग्रेस की सरकारें स्थाई राजधानी की समस्या को हल न करते हुए इसे सिर्फ चुनावी मुद्दा बनाने पर तुली रहीं।

जनसेवी भावना पांडे ने कहा कि स्थाई राजधानी के ज्वलंत मुद्दे पर राष्ट्रीय दल  पहाड़ के जनमानस को सिर्फ मूर्ख ही बनाते आए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य गठन के पीछे यहाँ के लोगों की मूल भावना यही थी कि पहाड़ी प्रदेश का विकास हो और यह तभी संभव हो सकेगा जब प्रदेश की सत्ता का संचालन भी पहाड़ से ही शुरू होगा।

उन्होंने कहा कि यदि गैरसैंण उत्तराखंड की स्थाई राजधानी बनेगी तो अपने आप विकास की किरण पहाड़ों तक पहुँचेगी लेकिन नेता व अफसरों का गठजोड़ नहीं चाहता कि राजधानी गैरसैंण बने। उन्होंने कहा कि आज हालत ये है कि कोई भी नेता, अधिकारी व कर्मचारी पहाड़ों पर चढ़ना नहीं चाहते हैं। सुख-सुविधाओं के मोह में सभी देहरादून और हरिद्वार जैसे मैदानी इलाकों में ही जमें रहना पसंद करते हैं। अब सवाल ये उठता है कि जब हमारे नेता और अधिकारी ही पहाड़ी राज्य की राजधानी पहाड़ में नहीं चाहते तो ऐसे में आम उत्तराखंडी का सपना कैसे पूरा होगा, कैसे राज्य को स्थाई राजधानी मिल पाएगी और किस तरह पहाड़ों का विकास हो पाएगा।

उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने गैरसैंण वासियों की पीड़ा बयां करते हुए कहा कि गैरसैंण के लोगों ने दो दशक पहले सुना था कि यहां प्रदेश की राजधानी बनेगी और लोगों का जीवन बदलेगा। वह कहती हैं कि राजधानी तो कभी बनी नहीं लेकिन उसके नाम पर पहाड़ में तोड़फोड़ और सरकारी भवन निर्माण होता ही दिखा। गैरसैंण में लोगों के पास रोजगार नहीं है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि यहाँ के परिवारों में कम से कम एक आदमी को रोजगार मिले, लेकिन सरकार को किसी की फिक्र नहीं है। सरकार के मंत्री व नेतागण सब अपनी सुविधाओं और ऐशोआराम के लिए ये बिल्डिंगें बना रहे हैं और जनता को बेवकूफ बना रहे हैं। उन्होंने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि इस निर्माण से गैरसैंण के आमजन का क्या फायदा होगा? उन्हें तो सड़क, बिजली, पानी, स्कूल, अस्पताल और नौकरी चाहिए जो कभी मिली नहीं।

वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने उत्तराखंड की धामी सरकार से मांग करते हुए कहा कि “बतौर राज्य आंदोलनकारी मेरी प्रबल मांग है कि गैरसैंण को उत्तराखंड की स्थाई राजधानी घोषित किया जाए।” उन्होंने सरकार को चेताते हुए कहा कि यदि सरकार ने इस गंभीर मुद्दे पर शीघ्र ही ठोस निर्णय लेकर गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित नहीं किया तो प्रदेश में फिर से एक बड़ा आंदोलन होगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button