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वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने सरकार की नीतियों पर खड़े किए सवाल, कही ये बात

देहरादून। वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी, प्रसिद्ध जनसेवी एवं जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने उत्तराखंड में विभिन्न सरकारी विभागों की नियुक्तियों में अनियमितता का आरोप लगाते हुए राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा।

जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने सरकार को घेरते हुए व आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से जो भर्तियों हो रही है उनमें भाई-भतीजावाद और घोर अनियमितता बरती जा रही है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाए कि करीब दस हजार पद विभिन्न विभागों में रिक्त हैं। सरकार ने जिन रिक्तियों की परीक्षाएं आयोजित की उनके परिणाम घोषित नहीं किए है। जिन परीक्षाओं के परिणाम जारी किए गए उनमें चहेतों को मौका मिला है।

वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि राज्य सरकार की नीतियों की वजह से प्रदेश का बेरोजगार युवा खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है। अपने हक़ के लिए हमारे पढ़े लिखे युवाओं को सड़कों पर आंदोलन करने को विवश होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार को राज्य के बेरोजगार युवाओं की जरा भी फिक्र नहीं है।

इसके साथ ही जनसेवी भावना पांडे ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की तकलीफों का ज़िक्र करते हुए कहा कि मानदेय नहीं मिलने से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश है। इन कार्यकर्ताओं को केंद्र की ओर से जनवरी, जबकि राज्य सरकार द्वारा अप्रैल के बाद का मानदेय नहीं दिया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने मानदेय भुगतान शीघ्र जारी न होने पर सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी है।

उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने कहा कि राज्य की बात करें तो वर्तमान में 33690 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां, मिनी कार्यकत्रियां व सहायिका कार्यरत हैं। इन कार्यकर्ताओं को केंद्र से 4500, जबकि राज्य सरकार से 4700 रुपये मानदेय मिलता है। लंबे समय से मानदेय न मिलने के कारण उन्हें आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने कहा कि वे पूर्व में भी राज्य के बेरोजगार युवाओं और मातृशक्ति के हक़ के लिए आवाज़ उठाती रहीं हैं और आगे भी उनकी आवाज़ बनकर खड़ी रहेंगी। उन्होंने कहा कि राज्य के बेरोजगार युवाओं और महिलाओं के अधिकारों और हित के लिए उन्हें एक बड़ा आंदोलन भी करना पड़े तो उनके कदम पीछे नहीं हटेंगे।

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