राजकीय महाविद्यालय पौखाल में आयोजित हुआ सात दिवसीय विशेष शिविर
टिहरी। राजकीय महाविद्यालय पौखाल का सात दिवसीय विशेष शिविर का चतुर्थ दिन 18 मार्च 2021 को एन. एस. एस. प्रभारी डॉ. संदीप कुमार के निर्देशन में जन जागरूकता अभियान के अंतर्गत गोद लिए गए ग्राम मोलनो के ग्रामीणों को कोविड 19 के संक्रमण से बचाव हेतु जागरूक एवं अवगत कराया गया।
इसी क्रम में स्वयं सेवियों द्वारा ग्रामीणों को स्थानीय भाषा मे स्वच्छ्ता के महत्व, पोषण, बीमारियों से दूर रहने, कोविड-19 की वैक्सीन के विषय मे जागरूक करने का प्रयास किया तथा ग्रामीणों में मास्क भी बाटे गए। महाविद्यालय के प्राध्यापकों के द्वारा भी जन जागरूकता अभियान में योगदान किया गया।
दोपहर भोजन पश्चात बौद्धिक सत्र में महाविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के प्राध्यापक डॉ. अनुरोध प्रभाकर ने स्वयं सेवियों को “समाज मे बढ़ती बेरोजगारी को दूर करने के उपाय” विषय पर अपना व्याख्यान दिया।
डॉ. प्रभाकर ने कोरोना काल के समय मे बेरोजगारी की बढ़ती स्थिति से अवगत कराया तथा कहा कि कोरोना से पहले ओर बाद में रोजगार की स्थिति में परिवर्तन आया। इन बदलतीं हुई परिस्थितियों में रोजगार के नये अवसरों को सृजन करने के तरीको पर चर्चा की साथ ही कृषि एवं गैर-कृषि क्षेत्रों में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के अवसरों को उल्लेखित किया।
इसके अतिरिक्त उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था खासकर टिहरी क्षेत्र में किस प्रकार स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर आय के स्रोत बढ़ाये जा सकते है पर अपने विचार बच्चों के साथ साझा किए। एन. एस. एस. प्रभारी डॉ. संदीप कुमार ने डॉ. अनुरोध प्रभाकर का धन्यवाद ज्ञापित किया कि उन्होंने अपने बहुमूल्य समय मे से कुछ समय हमारे स्वयंसेवियों के ज्ञानाजर्न के लिए दिये।
बौद्धिक सत्र के पश्चात दिन भर के कार्यों पर चर्चा की गई। सभी स्वयं सेवियों ने एक स्वर में सात दिवसीय शिविर के चतुर्थ दिन की सराहना की। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. ए. एन. सिंह ने चतुर्थ दिन के शिविर की सफलतापूर्वक सम्पन्नता के लिए बधाई प्रेषित की।
उक्त शिविर में महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. अनुरोध प्रभाकर, डॉ. दलीप सिंह, कर्मचारी राजेंद्र बिष्ट, राजेन्द्र सिंह, राजपाल, अरविंद सिंह, हिमानी, अजय, शिवानी, नीलम, आरती, अंजलि, अजय चंद, मनीषा, दिव्या, प्रीति, रामदेई, रेशमा, सृष्टि, स्मिता, सविता, रंजना, संजना, रोशनी, सरोज, रणधीर, नीलम एवँ कोमल आदि स्वयं सेवी उपस्थित रहे।