शहीद के बेटे ने कहा- पाकिस्तानियों को मारकर लूंगा पिता की मौत का बदला
सुलतानपुर। पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्तान की ओर से अक्सर सीज़ फायर का उलंघन कर गोलाबारी होती रहती है। वहीं दूसरी ओर सीमापार से लगभग रोजाना ही आतंकियों को घुसपैठ कराकर भारत भेजा जा रहा है। जम्मू कश्मीर में रविवार को हुई आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए भारतीय जवान निलेश सिंह का उनके पैतृक गांव नगरी में मंगलवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस दौरान पूरा गांव अपने बेटे की शहादत पर गमगीन है, लेकिन शहीद जवान निलेश के 10 साल के बेटे अंश ने अभी से ही अपने पिता की मौत का बदला लेने की ठान ली है। देश के दुश्मनों को चुनौती देते हुए अंश ने कहा है कि वह बड़ा होकर सेना में भर्ती होगा और सौ पाकिस्तानियों को मारकर पिता की मौत का बदला लेगा।
बता दें कि नगरी गांव के रहने वाले रामप्रसाद सिंह के बेटे निलेश की तैनाती वर्तमान में जम्मू कश्मीर के शोपियां में थी। रविवार को मुठभेड़ के दौरान निलेश सिंह शहीद हो गए। इसके बाद से ही पिता रामप्रसाद, मां ऊषा और पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। कक्षा 5 में पढ़ने वाले निलेश के बेटे अंश की आखों से भी आंसू लगातार बह रहे हैं। लेकिन पिता की मौत का बदला लेने का गुस्सा उसकी आंखों में अभी से ही दिखाई दे रहा है। जब अंश से रिपोर्टरों ने बात की तो उसने कहा कि वह हत्यारों से बिल्कुल नहीं घबराएगा और अपने पिता की मौत का चुन-चुनकर बदला लेगा।
अंश की बाते सुनकर वहां मौजूद सभी लोगों की आंखे नम हो रही हैं। इस दौरान वहां मौजूद अफसरों की आंखे भी छलग उठी। शहीद निलेश के पिता ने सरकार से अपने दूसरे बेटे मुकेश के लिए सेना में नौकरी की मांग की है। मंगलवार को मझुई नदी के किनारे पूरे राजकीय सम्मान के साथ शहीद निलेश का अंतिम संस्कार किया जाएगा। बता दें कि जनवरी में ही निलेश की जम्मू कश्मीर में तैनाती हुई थी। शनिवार की रात करीब 9 बजे निलेश ने अपने घर पर अंतिम बार बात भी की थी।
निलेश की पत्नी अर्चना सिंह एक शिक्षिका हैं और गोंडा के खड़गपुर घाट, नवाबगंज में तैनात हैं। अर्चना सिंह फिलहाल फैजाबाद में रहती हैं और उनका बेटा अंश भी उनके साथ रहकर फैजाबाद के एक स्कूल में पांचवी कक्षा में पढ़ रहा है। वहीं निलेश की शहादत पर उत्तर प्रदेश सरकार ने शहीद के परिजनों को 25 लाख रुपए की आर्थिक मदद और घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है। साथ ही शहीद के गांव को आदर्श गांव के रुप में विकसित किया जाएगा और शहीद के अंतिम संस्कार में सरकार के प्रभारी मंत्री और अधिकारी अंतिम संस्कार में मौजूद रहेंगे।