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शैक्षणिक संस्थाओं और उद्योग जगत को मिलजुलकर करना होगा काम : सीएम

देहरादून। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए उद्योग जगत और शैक्षणिक संस्थानों के बीच संवाद होना चाहिए। सेवायोजन कार्यालय उद्योगों की जरूरत के मुताबिक बेरोजगारों को सॉफ्ट स्किल्स का प्रशिक्षण दें। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में राज्य में रोजगार की संभावनाएं बढ़ाने को लेकर इंडस्ट्रियल एसोसिएशन उत्तराखंड के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता की।

उन्होंने कहा कि स्वरोजगार के अवसर के लिए सरकार, शैक्षणिक संस्थाओं और उद्योग जगत को मिलजुलकर काम करना होगा। विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में आमदनी में इजाफा करने को कौशल विकास के प्रशिक्षण के लिए लोगों को जागरूक करना होगा। युवाओं को व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सेवायोजन कार्यालयों को मात्र बेरोजगारों के पंजीकरण तक सीमित नहीं रखा जाना चाहिए। बेरोजगारों की विशेष योग्यता व स्किल के मुताबिक वर्गीकृत आंकड़े उद्योगों व निवेशकर्ताओं को उपलब्ध कराए जाएं। साथ ही कैरियर काउंसिलिंग का कार्य भी किया जाए। उत्पादन को क्लस्टर आधारित हब विकसित किए जाने चाहिए।

राज्य में स्थानीय संसाधनों, उत्पादों व मांग के आधार पर स्वरोजगार की असीम संभावनाएं हैं। कौशल विकास व प्रशिक्षण के जरिये पर्वतीय जिलों में पलायन पर प्रभावी अंकुश लग सकता है। एमएसएमई प्रमुख सचिव मनीषा पंवार ने बताया कि राज्य में 103 ग्रोथ सेंटर लीड प्रोडक्ट के साथ चिह्नित किए गए हैं। ब्लॉक स्तर पर ग्रोथ सेंटर विकसित करने की कार्ययोजना पर गंभीरता से कार्य किया जा रहा है। ग्रोथ सेंटर स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने व पलायन रोकने में प्रभावी भूमिका निभाएंगे। बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, सचिव सौजन्या, उद्योग विभाग के वरिष्ठ अधिकारी व उद्योग जगत के प्रतिनिधि मौजूद थे।

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