शत्रुघ्न सिन्हा को मिली ‘सियासी संजीवनी’, पढ़िये पूरी खबर
आसनसोल। बीजेपी से बाहर होने के बाद गुमनामी में जी रहे अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा को सियासत की संजीवनी मिल गई है। उन्होंने पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट पर इतिहास रच दिया है। वे वोटों के एक बड़े अंतर से चुनाव जीत चुके हैं। हालांकि इस जीत की अभी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। खबर लिखे जाने तक उन्हें 646661 वोट मिल चुके थे। वहीं इस सीट पर दूसरे नंबर पर बीजेपी की अग्निमित्रा पॉल हैं, उन्हें 350015 वोट मिले। करीब तीन लाख वोटों के अंतर से शुत्रघ्न सिन्हा की जीत पक्की नजर आ रही है। ये आंकड़े चुनाव आयोग की वेबसाइट से लिए गए हैं।
राजेश खन्ना के खिलाफ लड़ा था पहला चुनाव
शत्रुघ्न सिन्हा ने राजनीति की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी से की थी। वे1991 में बीजेपी से जुड़े थे। उन्होंने अपना पहला चुनाव राजेश खन्ना के खिलाफ लड़ा था। हालांकि पहले ही चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद उन्हें पार्टी में कई अहम जिम्मेदारियां दी गई। वे दो बार बिहार से राज्यसभा के सदस्य रहे। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उन्हें स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया।
2009 में पहली बार लोकसभा पहुंचे
वर्ष 2009 में पहली बार पटना साहिब लोकसभा सीट से चुनाव जीतने में कामयाब रहे। इसके बाद वर्ष 2014 का लोकसभा चुनाव भी उन्होंने जीता। लेकिन उसके बाद पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से उनके रिश्तों में दूरियां आती गई और वर्ष 2019 में उन्होंने अंतत: बीजेपी का दामन छोड़ा और कांग्रेस से हाथ मिला लिया। लेकिन हाशिए पर पहुंची कांग्रेस पार्टी में भी शुत्रघ्न अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षाएं पूरी नहीं कर पा रहे थे लिहाजा बिहारी बाबू ने ममता दीदी का दामन थामा।
बाबुल सुप्रियो के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी आसनसोल सीट
आपको बता दें कि यह सीट बाबुल सुप्रियो के इस्तीफा देने के बाद खाली हुई थी। इससे पहले वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में इस सीट से बीजेपी टिकट पर बाबुल सुप्रियो ने जीत हासिल की थी। लेकिन बाबुल सुप्रियो ने बीजेपी छोड़कर टीएमसी का दामन थाम लिया था और लोकसभा की सीट छोड़ दी थी। उपचुनाव में ममता ने शुत्रघ्न सिन्हा को टिकट दिया था।