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शिक्षा की अलख जगाना ही ध्येय है : चौहान

देहरादून। शिक्षा की अलख जगाना ही मेरा ध्येय है। ये कहना है ‘कोटा कैरियर क्लासेस’ के निदेशक वीसी चौहान का। उन्होंने मीडिया से वार्ता के दौरान कहा कि बचपन से ही उनके भीतर एक शिक्षक बनने की ईच्छा हिलोरे मार रही थी और शिक्षक भी ऐसा जो सबसे अलग हो, जो अपने विद्यार्थियों को बेहतरीन शिक्षा दे सके। अपने इसी स्वप्न को साकार करने के उद्देश्य से उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कदम रखा और आज भी शिक्षा के प्रकाश से समाज में उजियारा फैला रहे हैं। श्री चौहान ने बताया कि उन्होंने अपने जीवनकाल में काफी संर्घष किया है। यही नहीं संर्घष के बूते ही उन्होंने शिक्षा प्राप्त की। उनका मानना है कि जिस प्रकार का संघर्ष उन्होंने किया है शिक्षा प्राप्त करने के लिए ऐसा संघर्ष किसी भी विद्यार्थी को न करना पड़े। अपने इसी लक्ष्य को लेकर वे बेहतरीन शिक्षा प्रदान करने का कार्य कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि वे पिछले लगभग 17 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय रहकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उनका मानना है कि जीवन एक संर्घष है, बिना संघर्ष किये सफलता पाना बेहद मुश्किल होता है। उन्होंने कहा कि ‘‘संर्घष करना उन्हें पसंद है और बिना संर्घष किये जो चीज मिल जाये उसे वे लेना भी पसंद नहीं करते।’’ अपने संस्थान ‘कोटा कैरियर क्लासेज’ के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि बारह वर्ष पूर्व उन्होंने इसकी शुरूआत की थी। तब से लेकर आजतक वे लगातार कार्य करते आ रहे हैं। इस बीच कुछ अन्य ग्रुपों में जुड़कर भी उन्होंने सेवाएं दी हैं। उन्होंने बताया कि उनके संस्थान में इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को बेहतरीन शिक्षा मुहैया करायी जाती है।

इन्ट्रेंस एक्जाम्स की तैयारी कर रहे युवाओं को संदेश देते हुए श्री चौहान ने कहा कि ‘‘दिन-रात मेहनत करें, आपका सपना जरूर पूरा होगा।’’ उन्होंने विद्यार्थियों से सेल्फ स्टडी पर जोर देने को कहा। उन्होंने कहा कि यदि आप नियमित पढ़ाई करेंगे तो निश्चित तौर पर आपको कामयाबी मिलेगी। अपने पढ़ाने के तरीके के बारे में जिक्र करते हुए श्री चौहान ने बताया कि उनके पढ़ाने का तरीका काफी अलग है जो विद्याथियों को काफी पसंद आता है। अपनी टीचिंग के तहत वे छात्रों के हर एक प्रश्न का गहनता से उत्तर देते हैं साथ ही क्लारूम टीचिंग भी करवाते हैं। उन्होने बताया कि युवाओं का जागृत एवं जागरूक करने के लिए उन्होंने अपना एक यूट्यूब चैनल भी बनाया हुआ है जिसके जरिए वे दूर-दराज के जरूरतमंद छात्रों तक अपने ज्ञान को पंहुचाते हैं।

तेजी से कुकुरमुत्तों की तरह पनपते जा रहे शिक्षण संस्थानों की भीड़ से खुद के संस्थान को अलग बताते हुए उन्होंने कहा कि उनका संस्थान अलग तरह की कोचिंग करवाने पर जोर देता है, जहां छोटे-छोटे बैचों में स्टूडेंट ज्यादा से ज्यादा ज्ञान अर्जित करते हैं। उनका कहना है कि जो बच्चा उनके पास आता है उसे शत् प्रतिशत सफलता दिलाने के लिए वे जितनी अधिक से अधिक हो सके मेहनत करते हैं। उन्होंने बताया कि उनके संस्थान से शिक्षा प्राप्त कर गये विद्यार्थी आज देश-विदेशों में बड़े-बड़े मुकाम पर हैं। अपने अगले कदम के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वे शीघ्र ही अन्य जगहों पर भी अपने संस्थान की शाखाएं खोलने जा रहे हैं। साथ ही वे कुछ बेहतरीन स्कूल खोलने पर भी विचार कर रहे हैं।

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