शर्मनाक: देवभूमि में हर 16वें घंटे में एक बिटिया होती है हैवानियत की शिकार
देहरादून। उत्तराखंड की खुशनुमा और शांत रहने वाली वादियां अब सुकून भरी नहीं रह गयी हैं। अपनी शांत आबोहवा और देवस्थलों के लिए प्रसिद्ध देवभूमि उत्तराखंड में महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों में तेज़ी से इजाफा हुआ है। महिला अपराध की स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है जिस पर यकीन करना मुश्किल है, लेकिन सच यही है कि यहां हर 16वें घंटे में एक महिला दुष्कर्म का शिकार होती है।
इस वर्ष (2018) के शुरूआती 10 महीनों में कुल 438 महिलाएं-युवतियां दुष्कर्म का शिकार हुई हैं। इसमें प्रथम स्थान हरिद्वार जिले का है। दूसरे नंबर पर राजधानी देहरादून है। तीन वर्षों के तुलनात्मक आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश में हर रोज एक महिला का अपहरण शारीरिक उत्पीड़न के लिए होता है। बीते वर्षों में महिलाओं का उत्पीड़न रोकने के लिए कई दावे किए गए।
यहां महिला सेल से लेकर हेल्पलाइन नंबर तक जारी कर अपराधों पर अंकुश लगाने के प्रयास के दावे हुए, लेकिन आंकड़े इन दावों की पोल खोल रहे हैं। तीन वर्ष के तुलनात्मक आंकड़ों (31 अक्तूबर तक) पर गौर करें तो हर वर्ष स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। वर्ष-2016 में महिलाओं के उत्पीड़न के 1795 मामले दर्ज किए गए थे। वर्ष-2017 में इनमें 14 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई और यह आंकड़ा 2045 तक पहुंच गया।
इस वर्ष इनमें लगभग 24 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 31 अक्तूबर 2018 तक 2498 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा दहेज उत्पीड़न के 474 मामले दर्ज हैं। जबकि 438 महिलाओं से दुष्कर्म के मामले दर्ज किए गए हैं। इस हिसाब से प्रदेश में लगभग हर 16वें घंटे में एक महिला दुष्कर्म का शिकार हुई है।
जबकि, पिछले दो वर्षों यानी वर्ष-2017 और वर्ष-2016 के तुलनात्मक आंकड़ों पर गौर करें तो यह संख्या क्रमश: 278 और 337 थी। इस वर्ष जनपदवार तुलना की जाए तो सबसे ज्यादा हरिद्वार में 132 महिलाओं और युवतियों से दुष्कर्म हुआ। जबकि दूसरे नंबर पर देहरादून हैं। यहां 110 महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया गया।
इस वर्ष अक्तूबर तक 42 महिलाओं की विभिन्न कारणों के चलते हत्या की गई। सबसे ज्यादा महिलाओं की हत्या भी हरिद्वार जिले में की गई हैं। यहां यह आंकड़ा 16 रहा। जबकि देहरादून में 12 और ऊधमसिंह नगर में आठ महिलाओं की हत्या हुई हैं।
राज्य गठन के बाद से प्रदेश में तेजाब हमले का एक बड़ा मामला वर्ष-2007 में सामने आया था। उस वक्त एक बॉलीवुड अभिनेत्री की बहन पर सिरफिरों ने तेजाब फेंक दिया था। उसके बाद से यहां इस तरह के मामले सामने नहीं आए। अथवा यह भी कह सकते हैं कि आए भी होंगे तो किन्हीं कारणों से दर्ज नहीं किए गए होंगे। जबकि, इस वर्ष तेजाब हमले के दो मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें एक मामला ऊधमसिंह नगर और दूसरा हरिद्वार में दर्ज किया गया है। दोनों मामलों में फिलहाल पुलिस की जांच चल रही है।
पुलिस मुख्यालय से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक शादी व शारीरिक शोषण के लिए इस साल 31 अक्तूबर तक कुल 226 महिलाओं का अपहरण (आईपीसी 363 व 366) हुआ है। जबकि वर्ष 2016 में 196 और वर्ष 2017 में 165 महिलाओं का अपहरण हुआ था। इस हिसाब से प्रदेश में लगभग हर दिन एक महिला का अपहरण हो रहा है।