उत्तराखंड गठन के बाद से अब तक हर चुनाव में एससी-एसटी वर्ग ने किया सर्वाधिक मतदान
देहरादून। उत्तराखंड में बीते चार विधानसभा चुनाव की तरह इस बार भी अनुसूचित जाति और जनजाति के मतदाता महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहे हैं। बात जब अपने मताधिकार का प्रयोग कर सरकार चुनने की आती है तो हर बार इस वर्ग के मतदाताओं का मत प्रतिशत सर्वाधिक रहता है। इसलिए अनुसूचित जाति और जनजाति के मतदाताओं को रिझाने के लिए राजनीतिक दल कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में इन वर्गों को रिझाने के लिए तमाम घोषणाएं की है। वहीं अब इनकी निगाहें भाजपा के घोषणा पत्र पर भी टिकी हैं।
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में इस बार अनुसूचित जाति के लिए 13 और जनजाति के लिए दो सीटों को आरक्षित किया गया है। प्रदेश की वर्ष 2021 की अनुमानित जनसंख्या के अनुसार अनुसूचित जाति की जनसंख्या 22 लाख और अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं की जनसंख्या 3.38 लाख के आसपास है। इस तरह यह आंकड़ा 25 लाख से अधिक बैठता है। खास बात यह है कि इन वर्गों का मतदान प्रतिशत हर चुनाव में सर्वाधिक रहता है। बीते 2017 के चुनाव में 74.60 प्रतिशत अनुसूचित जाति और 64.39 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं ने मतदान किया था।
आरक्षित सीटों पर अधिक मतदान
वहीं बीते चुनाव की बात करें तो वर्ष 2002 के पहले चुनाव में सामान्य सीटों पर कुल 53.68 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि एससी पर 56.39 व एसटी सीटों पर सर्वाधिक 59.91 प्रतिशत वोटरों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इसके बाद वर्ष 2007 के में भी 66.30 प्रतिशत मतदान के साथ एसटी आरक्षित सीटों ने बढ़त बनाए रखी। वर्ष 2012 में तो इन सीटों पर मत प्रतिशत बढ़कर 75.07 तक पहुंच गया। 2017 में एसटी के लिए आरक्षित सीटों पर 74.60 प्रतिशत मतदान के साथ पहले स्थान पर रहे।
प्रदेश में हैं पांच जनजातियां, 65 अनुसूचित जातियां
भारत सरकार ने वर्ष 1967 में पांच जनजातियां थारू, बुक्सा, भोटिया, राजी एवं जौनसारी को अनुसूचित जनजाति घोषित किया गया है। इन पांचों जनजातियों में बुक्सा एवं राजी जनजाति अन्य जनजातियों से काफी पिछड़ी एवं निर्धन होने के कारण उन्हें आदिम समूह की श्रेणी में रखा गया है। वहीं, प्रदेश में 65 अनुसूचित जातियां चिह्नित की गई हैं। वर्ष 2000 से पहले इसकी संख्या 66 थी। संशोधन के बाद 61 क्रम में रावत जाति को हटा दिया गया था।
जिलेवार अनुसूचित जाति-जनजाति
जिला- जनसंख्या
उत्तरकाशी – 80567
टिहरी – 79317
देहरादून – 102130
पौड़ी – 228901
रुद्रप्रयाग – 122361
पिथौरागढ़ – 120378
अल्मोड़ा – 150995
नैनीताल – 191206
बागेश्वर – 72061
चम्पावत – 47383
यूएस नगर – 238264
हरिद्वार – 411274
चमोली – 91577
(नोट : आंकड़े वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार)
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित विधानसभा सीटें
पुरोला, घनसाली, राजपुर रोड, ज्वालापुर, झबरेड़ा, पौड़ी, थराली, गंगोलीहाट, बागेश्वर, सोमेश्वर, नैनीताल, बाजपुर और भगवानपुर।
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटें
चकराता और नानकमत्ता।