सिर्फ काम पर ध्यान है त्रिवेंद्र सरकार का, नाम पर नहीं
देहरादून। चाहे पिथौरागढ़ चुनाव हो या थराली, चाहे पंचायत चुनाव हो या नगर निगम, करना हो या प्रवासियों की घर वापसी पर कुछ लोग तारीफ़ की बजाय सिर्फ आलोचना ही करनी है और यदि लोकतंत्र में देखा जाये तो यह अच्छा भी है क्यूंकि यदि सभी तारीफ़ करेंगे तो अपने कार्यो को चुनौती कौन मानेगा ? और नया हौसला अपने कार्यो के लिए कहाँ से मिलेगा ?
जी हाँ……. एक शक्श ऐसा है जो अपनी सारी जनता के सुख ,चैन और आराम के लिए 24 घंटे में से 18 घंटे कोरोना के समय काम करता है और यह बात किसी को बताने से मना भी करता है और वो भी इसलिए की इसमें भी विपक्षी कही राजनीती न करे।
त्रिवेंद्र सिंह रावत आज एक ऐसी ही शक्ति का नाम है जिसे फेसबुक सरीखे नेता और विरोधी अपने-अपने मीडिया तंत्र के माध्यम से किसी भी तरह अफवाह फैलाकर गद्दी से हटाने की साजिश करते दीखते है और साजिश भी ऐसी जो तुरंत ही कुछ समय में धराशायी हो जाती है।
ऐसी ही बड़ी साजिश का पर्दाफाश आज हुआ जिसमे अब तक प्रदेश में आने वाले प्रवासीयों को समय समय पर बरगला कर व भड़काकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया और यह सन्देश देने की कोशिश की गयी की उत्तराखंड सरकार प्रवासियों को वापस लाने में सक्षम नहीं है, बल्कि प्रवासियों को सूरत में रहने वाले उत्तराखंड के डॉ देवेश्वर भट्ट ने रेलवे को सारा पैसा भर कर 2400 प्रवासियों को लेकर आये है।
हालांकि इस साजिश में डॉ देवेश्वर भट्ट भट्ट की पुत्री का वीडियो भी मीडिया व फेसबुक में जारी किया गया और इस चैनल द्वारा उस वीडियो की भी पड़ताल की गयी और पाया की उस वीडियो में यह कही नहीं कहाँ गया है की इन 1200 टिकटों का भुगतान डॉ. देवेश्वर भट्ट ने किया है सिर्फ प्रशासनिक मदद की बात कही गयी है वो भी उत्तराखंडी होने के नाते और इस बात को इतना बड़ा चढ़ा कर पेश किया गया जैसे कि सरकार कुछ कर ही न रही हो
इधर आज शाम से ही सोशल मीडिया/फेसबुक /मीडिया में त्रिवेंद्र विरोधियो ने हल्ला मचा दिया की राज्य सरकार प्रवासीयों व् कोरोना के मुद्दे पर विफल हो गयी है और प्रवासियों को लाने का खर्चा डॉ. देवेश्वर भट्ट ने किया है।
सच्चाई जानने के लिए डॉ. देवेश्वर भट्ट की टीम से बात की गयी व् चौंका देने वाला खुलासा हुआ की जब डॉ देवेश्वर भट्ट ने बताया की प्रवासियों को लाने का सारा भुगतान उत्तराखंड सरकार द्वारा किया गया है और डॉ डॉ देवेश्वर भट्ट ने अपना वीडियो भी हमें शेयर किया।
सुने डॉ देवेश्वर भट्ट ने क्या कहा :-
यह है सारे बिल और रेलवे के साथ पत्राचार :-
यह है उत्तराखंड सरकार द्वारा किये गए सारे भुगतान के अकाउंट का बैंक SMS :-
हम सच्चाई का करते रहेंगे खुलासा :
इतनी बड़ी सच्चाई का खुलासा होने पर प्रवासियों के बीच त्रिवेंद्र सिंह रावत की जय- जय कार हो गयी है और विरोधियो का दांव एक बार फिर उल्टा पड़ा दिखाई दिया है। अपने पूरे परिवार से तनख्वाह का पैसा मदद के रूप में कोरोना के लिए राहत कोष में पैसा दान करने वाले त्रिवेंद्र सिंह इस चुनौती में एक बार फिर जीत गए है।