स्तनपान का फोटोशूट कराकर विवादों में घिरी ये अभिनेत्री
नई दिल्ली। एक अभिनेत्री ने कुछ इस अंदाज़ में फोटोशूट करवाया कि वो विवादों में घिर गईं। आपको बता दें कि मलयालम फिल्मों की एक्ट्रेस ने एक मैग्जीन के लिए बच्चे को स्तनपान कराते हुए फोटो शूट कराया है। इस फोटो शूट के सोशल मीडिया में आने के बाद इसपर बहस छिड़ गई है। लोग इस बात पर बहस कर रहे हैं कि क्या इस तरह से स्तनपान कराते हुए किसी दूसरे धर्म की महिला को दिखाया जा सकता है? वहीं बहुत से लोग इस फोटो शूट की तारीफ करते हुए लिख रहे हैं कि इससे समाज में बने उस टैबू को तोड़ने में मदद मिलेगी जिसमें कहा जाता है कि बच्चे को स्तनपान पर्दे के अंदर ही कराना चाहिए। दरअसल मलयालम भाषा में प्रकाशित होने वाली पत्रिका गृहलक्ष्मी ने अपने कवर पर स्तनपान कराती एक महिला की तस्वीर लगाई है।
ये महिला कोई और नहीं बल्कि वहां कि मशहूर अभिनेत्री गीलू जोज़फ हैं। मैग्जीन के कवर के लिए गीलू जोज़फ ने माथे में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र पहन भारतीय नारी के भेष बनाया है। इस कवर फोटो में उनकी गोद में एक छोटा बच्चा है जिसे वह स्तनपान करा रही हैं। मैग्जीन के इस कवर पेज को सोशल मीडिया में एक पत्रकार ने ट्वीट किया है। इस कवर को ट्वीट करते हुए लिखा गया है – ये गृहलक्ष्मी मैग्जीन का कवर पेज है। इसमें कहा गया है कि केरल से सारी माएं बोल दें कि हमें घूरना बंद करो क्योंकि हमें बच्चे को स्तनपान कराना है।
पत्रकार के इस ट्वीट पर लोगों की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गईं। देखते ही देखते इस मैग्जीन कवर पर लोगों में बहस छिड़ गई। बहुत से यूजर्स ने फोटो शूट में गीलू जोज़फ के सिंदूर लगाने पर ऐतराज जताते हुए लिखा कि क्या बुर्के में महिला को स्तनपान कराते दिखा सकते हो? ऐसे लोगों के सवाल पर कुछ अन्य यूजर्स भी अपनी बात रखते हुए कहने लगे कि गीलू जोज़फ हिंदू नहीं क्रिश्चियन हैं। साथ ही ये लोगों ने ये भी लिखा कि वैसे भी मां और बच्चे का किसी धर्म से कोई लेना देना नहीं है।
गौरतलब है कि बच्चे को स्तनपान कराते हुए कैमरे में कैद किये जाने का ये पहला मामला नहीं हैं। इससे पहले अस्सी के दशक में प्रसिद्ध अभिनेता और निर्देशक रहे राजकपूर ने अपनी “फिल्म राम तेरी गंगा मैली” में अभिनेत्री मंदाकिनी को बच्चे को दूध पिलाते हुए शूट किया था। मंदाकिनी की इस बोल्ड तस्वीर को लेकर उस जमाने में भी जमकर विवाद हुआ था। देशभर में राजकपूर और उनकी अभिनेत्री मंदाकिनी के विरोध के मामले ने तूल पकड़ा था। बहरहाल ऐसा ही एक और मुद्दा एक बार फिर से गरमा गया है।