राज्य भेड़ बकरी अतिहिमीकृत वीर्य उत्पादन व कृत्रिम गर्भाधान प्रयोगशाला का ऋषिकेश में हुआ उद्धघाटन
ऋषिकेश। शुक्रवार दिनांक 17 जून 2022 को डॉ. संजीव कुमार बालियान, मा0 राज्य मंत्री, पशुपालन भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पशुधन मिशन, भारत सरकार के सहयोग से उत्तराखण्ड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड विकास बोर्ड (यू0एस0डब्ल्यू0डी0बी0) के तत्वाधान में उत्तराखण्ड राज्य के भेड़ बकरी पालको हितार्थ संचालित (Heat Synchronization and Artificial Insemination in Sheep and Goat) तथा (Heat Synchronization and Artificial Insemination through Imported Merino Sheep) योजनान्तर्गत निर्मित राज्य भेड़ बकरी अतिहिमीकृत वीर्य उत्पादन State Sheep Goat Deep Frozen Semen Station) व कृत्रिम गर्भाधान (Artificial Insemination Laboratory) प्रयोगशाला, पशुलोक, ऋषिकेश का लोकापर्ण व उद्घाटन किया गया।
केन्द्रीय राज्य मंत्री के साथ-साथ अति विशिष्ट अतिथि सुबोध उनियाल, वन मंत्री उत्तराखण्ड सरकार, सौरभ बहुगुणा, पशुपालन मंत्री, उत्तराखण्ड सरकार, डॉ. आर. मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव मुख्यमंत्री तथा डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम सचिव, पशुपालन, उत्तराखण्ड शासन तथा जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल डॉ. विजय कुमार जोगदंडे द्वारा कृत्रिम गर्भाधान प्रयोगशाला का उद्घाटन व भ्रमण किया गया तथा कार्यक्रम में आये राज्य के भेड़ बकरी पालको से वार्ता कर प्रोत्साहन सामग्री वितरित की गयी।
प्रयोगशाला में माह दिसम्बर 2019 में आस्ट्रेलिया से आयातित उच्च गुणवत्ता के मैरीनो मेढ़ो के Germ Plasm तथा सिरोही, बरबरी, जमुनापारी, बीटल, जाखराना प्रजाति के बकरों के वीर्य का उत्पादन करते हुये राज्य में व्यापक स्तर पर संचारित किया जाएगा तथा राज्य के भेड़ व बकरी पालकों के द्वारा पर वीर्य की उपलब्धता कराते हुये पूरे राज्य में भेड़ बकरियों में नस्ल सुधार का कार्य किया जाएगा। जिससे भेड़ के ऊन गुणवत्ता में वृद्वि के साथ-साथ भेड़ व बकरियों के वजन में वृद्वि होगी तथा भेड़ बकरी पालको की आजीविका व जीवन स्तर पर सुधार होगा। उत्तराखण्ड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड के माध्यम से संचालित योजनान्तर्गत वर्तमान तक लगभग 3000 भेड़ व बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान किया गया है। साथ ही उच्च गुणवत्ता के नर Germ Plasm को स्थानीय भेड़ों में संचारित करने व नस्ल सुधार हेतु Laparoscopic Artificial Insemination (दूरबीन से कृत्रिम गर्भाधान) तकनीकी का उपयोग भी किया जाएगा।
योजनान्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य के भेड़ बकरी कृत्रिम गर्भाधान तकनीकी को प्रोत्साहित व लोकप्रिय करने के उद्देश्य से राज्य के बेरोजगार नवयुवक व नवयुवतियों को भेड़ बकरी कृत्रिम गर्भाधान कार्यकताओं का प्रशिक्षण व कौशल विकास किया जा रहा है जिससे उन्हे आय के अतिरिक्त साधन उपलब्ध होगें।
केन्द्रीय मंत्री द्वारा कृत्रिम गर्भाधान कार्यकताओं को अपने-अपने क्षेत्रों में नस्ल सुधार हेतु कृत्रिम गर्भाधान करने हेतु प्रयोगशाला में निर्मित अतिहिमीकृत वीर्य के 50 डोज उपलब्ध कराये गये। कृत्रिम गर्भाधान के साथ-साथ नैसर्गिक प्रजनन के माध्यम से भेड़ों में नस्ल सुधार हेतु जनपद उत्तरकाशी व चमोली के भेड़ पालकों के स्थानीय व Indigenous प्रजाति के नर मेढ़ो को आयातित मैरीनों भेड़ों से उत्पन्न F1 Generation के Upgraded Cross Bred से परिवर्तित (Replace) किया जा रहा है। 30 भेड़ों हेतु 01 क्रॉसब्रेड ऑस्ट्रेलियन मेरिनो प्रदान किया जाएगा। जिससे राज्य में ऊन उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही भेड़ों के औसत वजन में भी वृद्धि होगी।
डॉ. संजीव कुमार बालियान, राज्य मंत्री, पशुपालन भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य में व्यवस्थित राजकीय भेड़ बकरी शशक प्रजनन प्रक्षेत्रों मे Technology Adoption एवं प्रक्षेत्रों के कुशल Management हेतु GoatMate Livestock Management System लांच किया गया। उक्त के साथ-साथ राष्ट्रीय सहकारिता विकास निगम, भारत सरकार के सहयोग से संचालित राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना-भेड़ बकरी सेक्टर योजना के अन्तर्गत बकरी के दूध एवं दूध से निर्मित उत्पादों को बढ़ावा देने हेतु BAKRAW Sweets ब्रांड का उद्घाटन किया गया।
राष्ट्रीय पशुधन मिशन, भारत सरकार के सहयोग से भेड़ बकरी पालकों के हितार्थ संचालित योजनाओं से राज्य की भेड़ व बकरियों में प्राकृतिक व कृत्रिम गर्भाधान से नस्ल सुधार का कार्य त्वरित गति से गतिमान है तथा भेड़ बकरियों में ऊन की गुणवत्ता तथा मांस उत्पादन वृद्वि से राज्य के भेड़ बकरी पालको की आजीविका व जीवन स्तर में सुधार होगा। कृत्रिम गर्भाधान पैरावेट्स में कौशल विकास स्थानीय बेरोजगार नवयुवको को स्वरोगार के साधन उपलब्ध होगें। इन प्रयासो से भेड़ बकरी पालको को कुशल उद्यमी बनने में सहयोग प्रदान होगा।
प्रधानमंत्री जी व मुख्यमंत्री जी के दिशा-निर्देशन में उत्तराखण्ड राज्य आगामी 10 वर्षो में महीन ऊन उत्पादक राज्य बनकर उभरेगा तथा भारतवर्ष के ऊन व वस्त्र उद्योग की महीन ऊन की मांग को पूर्ण करने तथा उत्तराखण्ड व भारतवर्ष को आत्मनिर्भर बनने में मील का पत्थर साबित होगा।
कार्यक्रम में डॉ. प्रेम कुमार, पशुपालन निदेशक, डॉ. अशोक कुमार, अपर निदेशक, गढ़वाल मंडल, डॉ. बी0सी0कर्नाटक, अपर निदेशक/मुख्य अधिशासी अधिकारी, यूएलडीबी, डॉ. अविनाश आनन्द, अपर निदेशक/मुख्य अधिशासी अधिकारी, यूएसडब्ल्यूडीबी, काजी मौनिस, अध्यक्ष, यूएसजीसीएफ तथा अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।