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सुप्रीमकोर्ट का आदेशः कल शाम 4 बजे तक बहुमत साबित करें येदियुरप्पा

नई दिल्ली। देश की सर्वाेच्च अदालत सुप्रीमकोर्ट ने कर्नाटक के नये सीएम येदियुरप्पा को कल शाम 4 बजे तक कर्नाटक में बहुमत साबित करने का आदेश दिया है। सुप्रीमकोर्ट के इस आदेश के साथ ही भाजपा को एक बड़ा झटका लगा है। वहीं कांग्रेस और जेडीएस ने भाजपा पर विधायकों को डरा-धमकाकर खरीद-फरोख्त करने का आरोप भी लगाया है। इस तरह येदियुरप्पा के लिए मुश्किलें बढ़ गयी हैं क्योंकि विधानसभा में उनके पास मात्र 104 विधायक हैं जबकि सदन में बहुमत के लिए 113 विधायकों की जरूरत है। न्यायालय का फैसला भाजपा के लिए मुश्किलें बढ़ाने वाला और कांग्रेस तथा जनता दल सेक्युलर के लिए राहत लेकर आया है। अब बहुमत साबित करने तक नीतिगत फैसले नहीं कर सकेंगे मुख्यमंत्री।

इससे पूर्व शुक्रवार सुबह साढ़े दस बजे कर्नाटक के सियासी नाटक को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। आज (18 मई) सुबह हुई इस सुनवाई में बीजेपी की ओर से मुकुल रोहातगी वकील रहे, जबकि कांग्रेस की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी पक्ष रखा। रोहातगी ने कोर्ट को बीएस येदियुरप्पा की चिट्ठी सौंपी, जो उन्होंने राज्यपाल वजुभाई वाला को पूर्व में सौंपी थी। यह सुनवाई कांग्रेस-जेडीएस की याचिका पर हुई, जिसमें दोनों पार्टियों ने राज्यपाल वजुभाई वाला के फैसले को चुनौती दी थी।
कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने कहा कि राज्यपाल की ओर से बहुमत परीक्षण के लिए दिया गया 15 दिन का समय बहुत ज्यादा है और अगर राज्यपाल को दिये गये पत्र में कहा गया है कि हमारे पास बहुमत है तो इसे जल्द साबित करना चाहिए। इस तरह अदालत ने राज्यपाल का फैसला पलटते हुए मुख्यमंत्री को मात्र 28 घंटे का समय बहुमत साबित करने के लिए दिया। साथ ही अदालत ने मुख्यमंत्री की ओर से विधानसभा में एंग्लो इंडियन सदस्य की नियुक्ति को भी रोक दिया।

कांग्रेस-जेडीएस का याचिका में कहना था कि राज्यपाल ने 104 सीटें होने के बाद भी बीजेपी को सरकार बनाने के लिए निमंत्रण भेजा, जबकि सरकार में बहुमत के लिए 112 सीटें चाहिए थीं। आपको बता दें कि कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार बन चुकी है। गुरुवार (17 मई) को बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। लेकिन विधानसभा में बहुमत साबित करने को लेकर अभी भी प्रयास बरकरार हैं। राज्य में गुरुवार को इसी के चलते राजनीतिक उलटफेर होते रहे। देर रात कांग्रेस के विधायक बेंगलुरू स्थित रिजॉर्ट से हैदराबाद के लिए रवाना हुए, जबकि पार्टी के दो विधायक अभी भी लापता हैं।

वहीं, कांग्रेसी एमएलए यशोमती ठाकुर ने दावा किया था कि विधायकों को धमकी भरे फोन आ रहे हैं। एक अन्य नेता रामलिंगा रेड्डी बोले, बीजेपी नेता रिजॉर्ट में घुस आए थे, जहां वे कांग्रेस के एमएलए से बात करना चाहते थे। यही वजह है कि रिजॉर्ट खाली किया गया। कर्नाटक में जारी जोड़-तोड़ की कोशिशों को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तत्कालीन पीएम एचडी देवगौड़ा से बातचीत की थी। फिलहाल कांग्रेस और जेडीएस अपने विधायकों को छिटकने से बचाने में लगी है।

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