कांग्रेस को करारा झटका, उत्तराखण्ड में में लगा रहेगा राष्ट्रपति शासन

नई दिल्ली/देहरादून। कांग्रेस को करारा झटका, उत्तराखण्ड में में लगा रहेगा राष्ट्रपति शासन। हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक। उत्तराखंड में प्रेसिडेंट रूल हटाने के हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। 27 अप्रैल को मामले की अगली सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद एक बार फिर उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लग गया है। बता दें कि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने गुरुवार को मोदी सरकार को झटका देते हुए राज्य में करीब एक महीने से जारी प्रेसिडेंट रूल को खत्म कर दिया था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन हटाए जाने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने 27 अप्रैल तक रोक लगा दी है। इस फैसले के साथ ही उत्तराखंड में एक बार फिर से राष्ट्रपति शासन लागू हो गया।
इस मामले की सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने दोनों दलों का पक्ष सुनने के बाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि हाईकोर्ट के फैसले के तुरंत बाद हरीश रावत ने अपना पद भार संभाल लिया और कई अहम फैसले भी कर दिए जो कि असंवैधानिक है। केंद्र सरकार की ओर से दलील देते हुए अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट के फैसले की अब तक कोई लिखित कॉपी बाहर नहीं आई है। ऐसे में केवल मौखिक आदेश की दम पर कोई भी राज्य की सत्ता नहीं संभाल सकता।
हालांकि, राज्य सरकार की ओर से दलील दे रहे वकील अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक नहीं लगाने के लिए जोर देते रहे। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बार कोर्ट ने यह कहते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर रोक दी कि हाईकोर्ट तुरंत अपने आदेश की लिखित कॉपी मुहैया कराए। हालांकि, कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी निर्देश दिए कि वह 27 अप्रैल तक राष्ट्रपति शासन के दौरान सरकार बनाने की कोशिश न करे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर एजी मुकुल रोहतगी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को भी यह निर्देश दिए हैं कि वह आगामी 27 अप्रैल तक राज्य में सरकार बनाने की कोशिश न करे। कोर्ट के इस आदेश के बाद हरीश रावत अब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री नहीं रह गए। उत्तराखंड की सत्ता एक बार फिर से राज्यपाल के हाथ में चला गया।
जानिए अपडेट्स…
– एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट के सामने अर्जेंट मेंशनिंग के लिए मामला रखा।
– दोपहर 3.30 बजे के बाद सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई।
– जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुआई वाली बेंच इस केस की सुनवाई कर रही है।
– केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उत्तराखंड हाईकार्ट का फैसला जस्टिस के लिहाज से ठीक नहीं है और