शिक्षा आचार्यों पर पुलिस ने भांजी लाठियां
देहरादून। शनिवार को सचिवालय कूच कर रहे शिक्षा आचार्यों पर पुलिस ने जमकर लाठियां बरसायी। शिक्षा मित्रों में समायोजन की मांग को लेकर करीब चार साल से आंदोलन कर रहे शिक्षा आचार्य बिना किसी सूचना के सचिवालय की ओर निकल पड़े। इस बीच पुलिस ने उन्हें रोका तो वे पुलिस से ही भिड़ गए। इस पर पुलिस ने लाठियां भांजकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। शिक्षा आचार्य संगठन का क्रमिक अनशन जारी रहा। इस बीच दोपहर करीब एक बजे दर्जनों शिक्षा आचार्य अचानक सचिवालय की ओर दौड़ पड़े। पुलिस बल कनक चौक पर एलटी उत्तीर्ण बेरोजगारों के जुलूस को रोके हुए था। दर्जनों लोगों को परेड मैदान के बीच से नारेबाजी करते हुए और झंडे लेकर जाते हुए देखने पर पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की।
इस बीच शिक्षा आचार्य इधर-उधर भागने लगे। कई आचार्य पुलिस से भिड़ भी गए। इस पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से हाथों से झंडे लेकर उन्हीं डंडों से उन्हें नियंत्रित किया। इस बीच कई महिला शिक्षा आचार्य भी पुलिस की लाठियों की चपेट में आईं।
अंत में पुलिस ने 11 महिला और 49 पुरुष आचार्यों समेत कुल 61 लोगों को गिरफ्तार कर सद्धोवाला जेल भेज दिया। उधर, संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष देवेंद्र बिष्ट ने कहा कि पुलिस ने बर्बरता के साथ कार्रवाई की। आचार्य शांति के साथ कूच कर रहे थे।
वर्तमान में गतिमान सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा एलटी में 25 फीसद पद बढ़ाने की मांग को लेकर करीब तीन माह से आंदोलन कर रहे एलटी उत्तीर्ण बेरोजगार संगठन ने शनिवार को सीएम आवास कूच किया। पुलिस ने प्रशिक्षितों को कनक चौक पर बैरिकेड पर रोक लिया। इसके बाद देर शाम तक प्रशिक्षित वहीं डटे रहे।
संगठन के अध्यक्ष विरेंद्र गैरोला ने कहा कि सरकार प्रशिक्षित बेरोजगारों की अनदेखी कर रही है। तीन साल में भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। इस अवधि में जहां एक ओर तमाम पद खाली हुए हैं, वहीं कई अभ्यर्थियों का चयन प्रवक्ता पदों पर भी होने के कारण वे एलटी को छोड़ गए। ऐसे में अगर 25 फीसद पद बढ़ाए जाएं तो सरकार पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा।