लद्दाख में तनाव जारी, भारत के 20 जवान हुए शहीद और चीन के 43 सैनिक ढेर
नई दिल्ली। मंगलवार को पूरे दिन लद्दाख में भारतीय सेना और चीन सेना के बीच हुई झड़प की खबरें सुर्खियों में बनी रही हैं। शुरुआत में भारतीय सेना के सूत्रों ने जानकारी दी कि हिंसक झड़प में एक अफसर और जवान शहीद हुए हैं, जबकि चीन के पांच जवानों की मौत हुई है। भारतीय सेना ने भी दोपहर में बयान जारी कर गलवान में हुए इस संघर्ष की पुष्टि की। हालांकि रात करीब 10 बजे सूत्रों ने यह जानकारी दी कि इस संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हुए हैं और चीन के 43 सैनिकों की मौत हुई है।
खबर यह भी है कि दोनों तरफ से मौत के आंकड़े बढ़ सकते हैं और इस संघर्ष में कुछ भारतीय सैनिकों के लापता होने की खबर भी है। सूत्रों ने जानकारी दी कि इस संघर्ष में मारे गए PLA के सैनिकों को ले जाने के लिए चीन के हेलीकॉप्टर LAC के नजदीक दिखाई दिए। भारतीय सेना द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया कि जान गंवाने वाले 20 में से 17 सैनिक गतिरोध वाले स्थान पर, शून्य से नीचे तापमान में ड्यूटी के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
इससे पहले मंगलवार को दिनभर बैठकों का दौर चला। पूर्वी लद्दाख में हालात पर विचार-विमर्श करने के लिए मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ बैठकें की। सरकारी सूत्रों ने बताया कि राजनाथ सिंह ने सोमवार की रात भारतीय सेना के कर्मियों के शहीद होने के बारे में तथा क्षेत्र में संपूर्ण स्थिति के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवगत कराया है।
सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को हुई बैठकों में पूर्वी लद्दाख में जमीनी हालात की व्यापक समीक्षा की गयी। किसी भी हालात से निपटने के लिए भारत की तैयारियों पर भी विचार-विमर्श किया गया। सरकार ने पूर्वी लद्दाख में पेंगॉन्ग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी जैसे इलाकों में भारत की सैन्य क्षमता को आगे और मजबूत करने का फैसला किया है।
आपको बता दें कि पांच हफ्ते से भी ज्यादा समय से इस क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच तनाव बना हुआ है। पूर्वी लद्दाख के पेंगॉन्ग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी इलाके में भारतीय और चीनी सेना के बीच गतिरोध चल रहा है। पेंगॉन्ग सो सहित कई इलाके में चीनी सैन्यकर्मियों ने सीमा का अतिक्रमण किया है। भारतीय सेना ने चीनी सेना की इस कार्रवाई पर सख्त एतराज जताया है और क्षेत्र में अमन-चैन के लिए तुरंत उनसे पीछे हटने की मांग की है। गतिरोध दूर करने के लिए पिछले कुछ दिनों में दोनों तरफ से कई बार बातचीत भी हुई है।