महाराष्ट्र में ‘निसर्ग’ तूफ़ान का आतंक, तटीय इलाकों मचाई तबाही
मुंबई। अरब सागर में उठा चक्रवाती तूफान निसर्ग महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के अलीबाग में समुद्र तट से टकरा गया है। इलाके में करीब 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। इसे तट से गुजरने में करीब 3 घंटे का समय लगेगा। इस बीच, मुंबई के बांद्रा-वर्ली सी लिंक पर वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई है। उधर, गोवा में समुद्र में ऊंचा ज्वार उठा है। पहले यह तूफान गुजरात के तट से भी टकराने वाला था, लेकिन मौसम विभाग ने बाद में यह अनुमान वापस ले लिया।
अपडेट्स…
- निसर्ग तूफान की वजह से मुंबई के बांद्रा-वर्ली सी लिंक पर वाहनों की आवाजाही रोकी गई।
- निसर्ग तूफान में एक जहाज फंस गया और रत्नागिरी के भाटीमिर्या समुद्र तट पर पहुंच गया।
- मुंबई के ससून डॉक परिसर में चक्रवाती तूफान आने से पहले समुद्र बहुत ही अशांत नजर आया। चूंकि यह मछुआरों का इलाका है। लिहाजा यहां पुलिस लगातार बाइक से गश्त कर रही है लोगों को समुद्र तट से दूर रहने की हिदायत दे रही है।
- बृहन्नमुंबई महानगरपालिका लोगों को सलाह दी है कि भारी बारिश के दौरान वे घर से बेवजह न निकलें। कार से निकलें तो उसमें हथौड़ी या कोई भारी औजर रखें, ताकि पानी में फंसकर कार का सेंट्रल लॉक जाम हो जाए तो कांच तोड़कर बाहर निकला जा सके।
- तूफान से पहले महाराष्ट्र के पालघर जिले के गांवों से 21 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। जिले के सभी उद्योगों और बाजारों को बंद कर दिया गया। मछुआरों से 4 जून तक समुद्र में न जाने को कहा गया।
- तूफान को देखते हुए पश्चिम नौसेना कमान ने अपनी सभी टीमों को सतर्क कर दिया। नौसेना ने 5 बाढ़ टीम और 3 गोताखोरों टीमों को मुंबई में तैयार रखा है।
सवाल-जवाब में समझें निसर्ग तूफान को
तूफान कहां उठा?
यह 1 जून को अरब सागर के मध्य-पश्चिम तटीय क्षेत्र में कम दबाव का क्षेत्र बना, जो चक्रवात में बदल गया। तब यह कम दबाव का क्षेत्र मुंबई से 630 किमी दक्षिण और दक्षिण पश्चिम था।
यह कहां और कब टकराया?
महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के अलीबाग इलाके में दोपहर 1 बजे टकराना शुरू हुआ। यहां से इसे गुजरने में 3 घंटे लगेंगे।
इसका असर क्या हो रहा?
तूफान के असर से मुंबई और गोवा में बारिश हो रही है। बुधवार को मुंबई में 27 सेमी से ज्यादा बारिश होने का अनुमान। समुद्र में 2 मीटर ऊंची लहरें उठ रहीं। तूफान की आशंका वाले जिलों में बिजली-पानी की सप्लाई बंद की गई। दक्षिण गुजरात के वलसाड़, नवसारी, सूरत के अलावा दमन, दादरा और नागर हवेली में भी भारी बारिश का अलर्ट है। मध्यप्रदेश के भाेपाल, उज्जैन, इंदाैर, ग्वालियर संभाग के कुछ जिलाें और शहराें में भारी या अति भारी बारिश के आसार हैं।
इससे क्या नुकसान हो सकता है?
पालघर में देश का सबसे पुराना तारापुर एटॉमिक पॉवर प्लांट है। मुंबई में बार्क (भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर) है। इन्हें नुकसान पहुंचा तो बिजली संप्लाई बंद हो सकती है। रायगढ़ में भी पॉवर, पेट्रोलियम, केमिकल्स और कुछ दूसरी अहम इंडस्ट्रीज हैं। मुंबई में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट और नेवी के अहम रणनीतिक ठिकाने हैं। तूफान से इन्हें भी खतरा है।
महाराष्ट्र में तूफान कितने साल बाद आया है?
मौसम विभाग के साइक्लोन ई-एटलस के मुताबिक, 1891 के बाद पहली बार महाराष्ट्र के तटीय इलाके के आसपास साइक्लोन का खतरा मंडराया है। इससे पहले 1948 और 1980 में ऐसे हालात बने थे, लेकिन वह चक्रवात में बदल पाया इसे लेकर मतभेद हैं।
दो हफ्ते में यह दूसरा तूफान कैसे?
21 मई को अम्फान तूफान आया था। ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटवर्ती इलाकों में तबाही मचाई थी। इसके दो हफ्ते बाद ही अब निसर्ग तूफान आ रहा है।
इसका नाम किसने रखा?
इस तूफान का निसर्ग नाम बांग्लादेश ने दिया है। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बनने वाले तूफानों के नाम बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड देते हैं। भारतीय मौसम विभाग ने अप्रैल 2020 में चक्रवातों की नई सूची जारी की। नई सूची में निसर्ग, अर्नब, आग, व्योम, अजार, तेज, गति, पिंकू और लूलू जैसे 160 नाम शामिल हैं। पिछली लिस्ट का आखिरी नाम अम्फान था। यह नाम थाईलैंड ने दिया था।
केंद्र और राज्यों की क्या तैयारी है?
महाराष्ट्र में एनडीआरएफ की 20 टीमें तैनात की गई हैं। इनमें से मुंबई में 8, रायगढ़ में 5, पालघर में 2, ठाणे में 2, रत्नागिरी में 2 और सिंधुदुर्ग में 1 टीम राहत और बचाव का काम करेगी। नौसेना ने मुंबई में 5 फ्लड रेस्क्यू टीम और 3 गोताखोर टीम तैनात की हैं। उधर, गुजरात में एनडीआरएफ की 16 टीमों को भेजा गया है। यहां के तटीय जिलाें में 80 हजार लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया जा चुका है। दोनों राज्यों के 11 जिलों में अलर्ट है।