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हंगामे के बाद संसद के दोनों सदन स्थगित, विपक्षी सांसदों ने किया प्रदर्शन

राहुल ने आरोप लगाया है कि अडाणी मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से संसद में पूरा तमाशा खड़ा किया गया है।

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा भारत के लोकतंत्र को लेकर लंदन में दिए गए बयान पर माफी मांगने की मांग को लेकर BJP के सदस्यों ने और अडाणी समूह से जुड़े मामले की JPC से जांच की मांग को लेकर कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने शुक्रवार को लगातार पांचवें दिन लोकसभा और राज्यसभा में भारी हंगामा किया। सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के शोर-शराबे के कारण निचले सदन की कार्यवाही शुरू होने के करीब 20 मिनट बाद दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी, और बाद में राज्यसभा की कार्यवाही भी स्थगित हो गई। बाद में विपक्षी सदस्यों ने राहुल गांधी एवं सोनिया गांधी की मौजूदगी में संसद परिसर में प्रदर्शन किया।

सदन की बैठक शुरू होते ही हुआ हंगामा

सदन की बैठक शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल चलाने का निर्देश दिया और प्रश्न पूछने के लिए कांग्रेस सदस्य मनीष तिवारी का नाम पुकारा। इस बीच कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य आसन के पास आकर अडाणी ग्रुप से जुड़े मामले की जेपीसी जांच की अपनी मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। उधर सत्तापक्ष के कुछ सदस्य अपने स्थानों पर खड़े होकर विदेश में राहुल गांधी के भारतीय लोकतंत्र को लेकर दिये गये बयान पर उनसे माफी की मांग करने लगे। हालांकि, कांग्रेस नेता तिवारी ने पूरक प्रश्न पूछने के लिए सदन में व्यवस्था नहीं होने का जिक्र किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों से कहा कि वे अपने स्थान पर जाकर बैठें, लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा जारी रही।

राहुल ने मांगी थी संसद में बोलने की इजाजत
इस बीच राहुल ने अपने बयान पर मचे हंगामे को लेकर कहा है कि देश में अगर लोकतंत्र बरकरार है तो उन्हें संसद में अपनी बात रखने का मौका मिलना चाहिए क्योंकि उनके खिलाफ सरकार के 4 मंत्रियों ने सदन के भीतर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यह भारतीय जनतंत्र के लिए एक इम्तहान होगा कि उन्हें भी 4 मंत्रियों की तरह ही सदन में बोलने का मौका मिलता है या फिर चुप होने के लिए कहा जाता है। राहुल ने आरोप लगाया कि अडाणी मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से संसद में पूरा तमाशा खड़ा किया गया है।

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अब सोमवार को होगी सदन की अगली बैठक
सत्ता पक्ष के सदस्य ‘राहुल गांधी माफी मांगो’ के नारे लगा रहे थे जबकि कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दल के सदस्य ‘बोलने दो, बोलने दो, राहुल जी को बोलने दो’ के नारे लगा रहे थे। इस दौरान सदन में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे। सदन के उपनेता राजनाथ सिंह भी उपस्थित थे। लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने सदस्यों से कहा, ‘आपको नारेबाजी करने के लिए नहीं भेजा है।’ उन्होंने कहा कि सदन में व्यवस्था बनेगी तब वे सभी को बोलने का मौका देंगे। हंगामा नहीं थमने पर अध्यक्ष बिरला ने सदन की बैठक शुरू होने के करीब 20 मिनट बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी। अब शनिवार और रविवार को छुट्टी होने के कारण सदन की अगली बैठक सोमवार को होगी।

ब्रिटेन दौरे से बुधवार को लौटे हैं राहुल गांधी
अपने ब्रिटेन दौरे से बुधवार को स्वदेश लौटने के बाद राहुल गांधी गुरुवार को संसद पहुंचे और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर आग्रह किया कि उन्हें सदन में बोलने का मौका दिया जाए। बाद में उन्होंने कांग्रेस मुख्यालय में कहा, ‘आज मैं संसद गया और लोकसभा अध्यक्ष से कहा कि मैं संसद में बोलना चाहता हूं, सरकार के चार मंत्रियों ने मेरे ऊपर आरोप लगाये हैं तो मेरा हक है कि मैं सदन में अपनी बात रखूं। मुझे नहीं लगता कि बोलने दिया जाएगा। फिर भी मैं आशा करता हूं कि कल मुझे बोलने का मौका मिलेगा।’

राहुल पर लागातार हमलावर हैं BJP के नेता
बता दें कि संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही लगातार चौथे दिन हंगामे की भेंट चढ़ने के बाद BJP ने एक बार फिर से राहुल गांधी को निशाने पर लिया और कहा कि उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए। हाल ही में लंदन में एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि भारतीय लोकतंत्र के ढांचे पर ‘बर्बर हमला’ हो रहा है। उन्होंने अफसोस जताया था कि अमेरिका और यूरोप समेत दुनिया के लोकतांत्रिक हिस्से इस पर ध्यान देने में नाकाम रहे हैं। राहुल ने अपने व्याख्यान में यह आरोप भी लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट कर रहे हैं।

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