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श्री गुरू राम राय विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री ने किया प्रतिभाग

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरु राम शिक्षा मिशन की स्थापना 1952 में श्री महंत इंदिरेश चरण दास जी महाराज द्वारा समाज के सभी वर्गों के छात्रों को गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के लिए की गई थी। आज यह मिशन उत्तर भारत में सैकड़ों संस्थानों में नर्सरी से पी.एच.डी. तक लाखों विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहा है।

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को पटेल नगर स्थित श्री गुरू राम राय विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में शोद्यार्थियों एवं स्नातक एवं स्नात्कोत्तर के विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की। इस अवसर पर वर्ष 2017 से 2022 तक के स्नातक के 3290, स्नात्कोत्तर के 2009 एवं शोध के 34 दीक्षार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई।

मुख्यमंत्री ने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी दीक्षार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए आशा व्यक्त की कि शिक्षा ग्रहण करने के बाद हमारे ये युवा जिस भी क्षेत्र को चुनेंगे, उस क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करेंगे एवं अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में कामयाब होंगे। उन्होंने कहा कि दीक्षान्त समारोह विद्यार्थियों के जीवन के लिए हमेशा से एक विशेष अवसर होता है। विद्यार्थी काल व्यक्ति के जीवन का एक ऐसा पड़ाव होता है जहां पर पहुंचकर हमें यह अहसास होता है कि जीवन यात्रा का लक्ष्य क्या है। इस यात्रा में हम कई असाधारण क्षणों का अनुभव करते हैं और इस यात्रा की यादें जीवन भर ताजा रहती हैं। जीवन में कुछ पाने के लिए हमेशा मन में सीखने की इच्छा को बनाकर रखना चाहिए क्योंकि ज्ञान का कोई अंत नहीं होता है। स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि “जिस शिक्षा से जीवन में पैरों पर खड़ा हुआ जा सके, हम अपना जीवन निर्माण कर सकें, मनुष्य बन सकें, चरित्र गठन कर सकें और विचारों का सामंजस्य कर सकें, वही वास्तव में शिक्षा कहलाने योग्य है।“

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरु राम शिक्षा मिशन की स्थापना 1952 में श्री महंत इंदिरेश चरण दास जी महाराज द्वारा समाज के सभी वर्गों के छात्रों को गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के लिए की गई थी। आज यह मिशन उत्तर भारत में सैकड़ों संस्थानों में नर्सरी से पी.एच.डी. तक लाखों विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहा है। मिशन के अध्यक्ष, श्री महंत देवेंद्र दास जी महाराज ने श्री मंहत इंदिरेश अस्पताल, श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज, स्कूल ऑफ नर्सिंग और स्कूल ऑफ पैरामेडिकल साइंस शुरू करके समाजसेवा के क्षेत्र में नए आयाम जोड़े हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में संपूर्ण विश्व न केवल हमारी शक्ति और ज्ञान परंपरा से परिचित हो रहा है बल्कि प्रत्येक क्षेत्र में हमारा अनुसरण करने को भी तत्पर है। आज पूरा विश्व हमारे युवाओं के सामर्थ्य से लाभान्वित होने के लिए लालायित है। आज का नया भारत अपनी प्राचीन शैक्षणिक व सांस्कृतिक पद्धति को केंद्र में रखते हुए नए बदलावों की ओर अग्रसर है। हम आजादी के अमृतकाल में प्रवेश कर गये हैं। हम सबको प्रण करना होगा कि हम अपने कार्यों से देश और समाज के लिए अहम योगदान दें।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने उपाधि प्रदान करने वाले सभी दीक्षार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अब हमारे इन युवाओं पर समाज के लिए योगदान देने की बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि महन्त इंदरेश अस्पताल में अभी तक आयुष्मान योजना के तहत 91 हजार से अधिक लोगों का ईलाज हो चुका है। संस्थान शिक्षा के साथ ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी सराहनीय कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए जल्द ही देश दुनिया के विख्यात 20 विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू किया जायेगा।

इस अवसर पर विधायक विनोद चमोली, गुरू राम राय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. यू.एस. रावत, विश्व विद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. डी.पी. सिंह एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

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