चैक बाउंसिंग के मामले में निर्दोष पाये जाने पर कोर्ट ने आरोपी शख्स को किया बरी
अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता अमित त्यागी ने न्यायालय के समक्ष अभियुक्त को निर्दोष साबित करने हेतु पर्याप्त सबूत पेश किये। अधिवक्ता द्वारा तर्क दिया गया कि अभियुक्त निर्दोष है क्योंकि परिवादी द्वारा दाखिल तथाकथित बिल छायाप्रति है जिसकी कोई वैधता नहीं है, इसलिए अभियुक्त दोषमुक्त किये जाने योग्य है।
देहरादून। चैक बाउंसिंग के मामले में निर्दोष पाये जाने पर कोर्ट ने आरोपी शख्स को बरी किया है। कोर्ट ने आरोप सिद्ध न होने पर एवं साक्ष्यों के अभाव में आरोपी शख्स को अपराध मुक्त करते हुए बरी कर दिया है।। कोर्ट ने आरोपी के विद्वान अधिवक्ता अमित त्यागी की ओर से प्रस्तुत किये गए बयानों और सबूतों के मद्देनजर ये फैसला सुनाया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार महेन्द्र जोशी पुत्र स्व. बी.एन. जोशी, निवासी आराघर, थाना डालनवाला देहरादून द्वारा 18.03.2021 को भरत सिंह-ठेकेदार, पुत्र स्व. गोरख सिंह, निवासी 36/1, फेस-1 वसन्त कुंज, निकट- ए.जे. मेडिकल स्टोर, श्यामपुर, पो. प्रेमनगर, देहरादून के विरूद्ध चेक बाउंसिंग के मामले में गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करवाई।
परिवादी महेन्द्र जोशी के आरोपानुसार वो एवं अभियुक्त एक-दूसरे से भलीभांति परिचित है। परिवादी ट्रकों का स्वामी है अर्थात् ट्रकों को किराये पर देने आदि का काम करता है। अभियुक्त द्वारा परिवादी से ट्रका संख्या यूए 7ई-2411, यूपी 07 सीबी-1979 तथा यूके 07सीए- 4599 को रूपये 90,000/- प्रतिमाह की दर प्रति ट्र्क की दर से उपरोक्त कोंं ट्रकों खनिज ढुलान/परिवहन के लिये फरवरी-2019 में किराये पर लिये गये थे, जिसके सम्बन्ध में अभियुक्त द्वारा शेष धनराशि रूपये 14,45,970/- का भुगतान परिवादी को किया जाना था जिसके भुगतान के एवज में अभियुक्त ने एक चैक सं0 451465 दिनांकित 19.01.2021 मु0 14,45,970/-रूपये बैंकर पंजाब नेशनल बैंक, शाखा प्रेमनगर, देहरादून का इस आश्वासन के साथ दिया कि उक्त चैक को बैंक में भुगतान हेतु प्रस्तुत करने पर चैक मेंं वर्णित धनराशि का भुगतान प्राप्त हो जायेगा। अभियुक्त के उपरोक्त आश्वासन पर ही विश्वास करके परिवादी ने अभियुक्त के द्वारा दिया गया चैक स्वीकार किया। जब परिवादी ने अभियुक्त के द्वारा दिया गया उक्त चैक दिनांक 19.01.2020 को अपने बैंक यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया (आन्ध्रा बैंक), शाखा-राजपुर रोड, देहरादून में भुगतान हेतु प्रस्तुत किया तो अभियुक्त के बैंक द्वारा अपने मैमों दिनांकित 20.01.2021 द्वारा धन उपलब्ध न होने की टिप्पणी लगाकर बिना भुगतान वापस कर दिया।
तत्पश्चात् परिवादी द्वारा उपरोक्त अनादरित चैक की धनराशि की मांग हेतु अभियुक्त को अपने अधिवक्ता के माध्यम से एक विधिक नोटिस भेजा गया एवं कुछ दिनों पश्चात परिवादी के द्वारा अभियुक्त को तलब कर दण्डित किये जाने एवं चैक में वर्णित धनराशि एवं क्षतिपूर्ति दिलाने का आदेश पारित करने की प्रार्थना की गयी।
केस की सुनवाई न्यायालय अष्टम् अपर सीनियर सिविल जज/अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, देहरादून पीठासीन धर्मेन्द्र शाह (उत्तराखण्ड न्यायिक सेवा) की कोर्ट में फौजदारी वाद संख्या 2294 सन् 2021 के तहत की गई। इस मामले को लेकर परिवादी के विद्वान अधिवक्ता डी0 एन0 त्रिपाठी एवं अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता अमित त्यागी के बीच कईं बार की तीखी बहस हुई। जिरह के दौरान दोनो पक्षों के अधिवक्ताओं ने अपने मुवक्कीलों के पक्ष में साक्ष्य प्रस्तुत किये। किन्तु परिवादी के विद्वान अधिवक्ता डी0 एन0 त्रिपाठी परिवादी की ओर से कोई ठोस साक्ष्य पेश नहीं कर पाये। वहीं अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता अमित त्यागी ने न्यायालय के समक्ष अभियुक्त को निर्दोष साबित करने हेतु पर्याप्त सबूत पेश किये। न्यायालय द्वारा उभय पक्षों की बहस सुनी गयी। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क दिया गया है कि अभियुक्त निर्दोष है क्योंकि परिवादी द्वारा दाखिल तथाकथित बिल छायाप्रति है जिसकी कोई वैधता नहीं है। अभियुक्त ने परिवादी को कोई चैक नहीं दिया बल्कि अभियुक्त के अकाउण्टेन्ट ने नौकरी छोड़ने के पश्चात् परिवादी को उक्त चैक दिया। परिवादी ने अवैध रूप से ब्याज के लिये उक्त चैक का प्रयोग किया। इसलिए अभियुक्त दोषमुक्त किये जाने योग्य है।
दोनों पक्षों के विद्वान अधिवक्ताओं की दलीलों व कईं बार की बहस को सुनने के पश्चात कोर्ट ने परिवादी द्वारा प्रस्तुत सबूतों को अपर्याप्त व निराधार माना। जिसके बाद कोर्ट ने निर्णय सुनाया कि अभियुक्त भरत सिंह को आरोपित अपराध अंतर्गत धारा 138 परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 के तहत दोषमुक्त किया जाता है। अभियुक्त के धारा 437क दण्ड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत दाखिल व्यक्तिगत बन्धपत्र एवं जमानतियों के जमानतनामे, अगले छः माह तक प्रवृत्त रहेंगे और इस दौरान माननीय उच्चतर न्यायालय में अपील नहीं होने की स्थिति में स्वतः निरस्त हो जायेंगे।