मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य खाद्य सुरक्षा मिशन की कार्यकारी समिति की बैठक हुई सम्पन्न
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में सचिवालय में राज्य खाद्य सुरक्षा मिशन की कार्यकारी समिति की बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि किसानों को उनके उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध कराया जाना आवश्यक है, इस दिशा में हर संभव प्रयास किए जाएं। साथ ही मार्केटिंग आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने फसलों की नई वैरायटी विकसित करने हेतु प्रदेश स्तर में ही प्रयास किए जाने के साथ ही दालों, पोषक अनाजों और तिलहन की खेती को अधिक से अधिक प्रोत्साहित किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने योजनाएं बनाते समय क्षेत्र विशेष हेतु योजनाएं तैयार किए जाने के भी निर्देश दिए। कहा कि प्रत्येक क्षेत्र की अपनी भौगोलिक परिस्थितियां और जलवायु भिन्न-भिन्न होती है। एक ही योजना मैदानी और पर्वतीय क्षेत्र में लागू करने से योजनाओं का समुचित लाभ नहीं मिल पाता। उन्होंने कहा कि भौगोलिक परिस्थितियां और जलवायु के अनुसार प्रत्येक जनपद के लिए अलग योजनाएं तैयार की जा सकती हैं। अच्छी योजनाएं तैयार करें। अच्छी योजनाओं के लिए फण्ड की कमी नहीं होने दी जाएगी। इन योजनाओं पर आवश्यकता पड़ने पर राज्य सरकार से भी फण्ड उपलब्ध कराया जाएगा।
इसके उपरान्त मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY-RAFTAAR) की राज्य स्तरीय अनुमोदन समिति की बैठकें भी संपन्न हुई। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वॉलनट और कीवी के उत्पादन पर फोकस कर किसानों को इसकी खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इसके लिए हर सम्भव प्रयास किए जाएं।
मुख्य सचिव ने उत्पादों को जंगली जानवरों से सुरक्षित रखने हेतु बायोफेंसिंग विशेष ध्यान देने की बात कही। उन्होंने कहा कि इसके लिए अलग से सेल बनायी जाए जो इस दिशा में लगातार क्षेत्र विशेष और वहां रहने वाले जानवरों के अनुसार बायोफेंसिंग तैयार करे। मुख्य सचिव ने सभी एलाईड विभागों द्वारा एक इंटीग्रेटड प्लान तैयार कर पलायन से ग्रसित गांवों में एग्रीगेटर तैयार करने पर बल दिया।
उन्होंने एक योजना को पूरे प्रदेश में लागू करने के बजाए, क्षेत्र की आवश्यकता अनुसार प्लान तैयार किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि किसानों को सरकार की ओर से हर सम्भव सहायता उपलब्ध करायी जाए। प्रशिक्षण और इंसेंटिव भी दिया जाए। उन्होंने सभी योजनाओं को सोशल ऑडिट और थर्ड पार्टी ऑडिट किए जाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द वर्द्धन, सचिव शैलेश बगोली, वी. वी. आर. सी. पुरषोत्तम सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।