गंगा दशहरे पर गंगा के घाटों पर परसा रहा सन्नाटा, गंगोत्री धाम में हुआ मां गंगा का अभिषेक
देहरादून। गंगा दशहरा पर्व पर गंगोत्री धाम में विशेष धार्मिक अनुष्ठान किया गया। तीर्थ पुरोहितों ने हवन पूजन कर मां गंगा का अभिषेक किया और संसार को कोरोना महामारी से मुक्ति दिलाने की कामना की। कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार कार्यक्रम में केवल चुनिंदा तीर्थ पुरोहित और साधु संत ही शामिल हुए।
सोमवार सुबह सबसे पहले राजा भगीरथ की मूर्ति, छड़ी व डोली का श्रृंगार किया गया। साथ ही विशेष हवन पूजन कर गंगा सहस्त्रनाम, गंगा लहरी, गंगा स्रोत और शांति पाठ किया। इसके पश्चात मां सरस्वती और राजा भगीरथ की डोली को गंगा नदी की मुख्य धारा में लाया गया। यहां मां गंगा का अभिषेक किया गया। इस अवसर पर श्री पांच मंदिर समिति गंगोत्री धाम के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल की अगुवाई में विशेष हवन किया गया।
मान्यताओं के अनुसार, राजा भगीरथ की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर मां गंगा स्वर्ग लोक से पृथ्वी पर अवतरित हुईं थीं। इस दौरान मां गंगा के प्रचंड वेग से पृथ्वी वासियों को बचाने के लिए भगवान शिव ने उन्हें अपनी जटाओं में धारण कर लिया था। मां गंगा के धरती पर अवतरण के दिन को ही गंगा दशहरा पर्व के रूप में मनाया जाता है।
हरिद्वार में गंगा दशहरा का पर्व धर्मनगरी के लिए महापर्व की तरह होता है। गर्मियों में आने वाला यह महा स्नान हर बार बड़े उत्साह के साथ संपन्न होता है, लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से गंगा घाटों पर सन्नाटा पसरा रहा। जबकि पिछले साल गंगा दशहरा पर हरिद्वार में रिकॉर्ड भीड़ आई थी।
व्यापार मंडल के जिला महामंत्री संजीव नैयर का कहना है कि कोरोना वायरस व्यापारियों के लिए अभिशाप की तरह आया है। गंगा दशहरा हर बार शहर के लिए बड़ा मेला होता है, जिस पर्व पर व्यापारियों को काफी उम्मीद रहती है। वैसे तो जीरो जोन के चलते मुख्य बाजार क्षेत्र में व्यापारियों को कई साल से दिक्कतें आ रही हैं। हालांकि बाहरी क्षेत्रों के व्यापारियों को अच्छा कारोबार होता रहा है, परंतु इस बार हरकी पैड़ी क्षेत्र में श्रद्धालु नहीं आए। इसका सीधा असर कारोबार पर पड़ा।
वरिष्ठ व्यापारी नेता कैलाश केशवानी का कहना है कि कोरोना के संक्रमण के भय ने धर्मनगरी के व्यापार की कमर तोड़ दी है, इससे छोटे बड़े सभी व्यापारियों को भारी आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है। गंगा दशहरा पर भी शहर में सन्नाटा छाए रहने से व्यापारी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
विष्णु घाट के होजरी व्यापारी डॉ. संदीप कपूर का कहना है कि हर बार गंगा दशहरा पर भारी भीड़ आने से हरिद्वार का बाजार चहकता रहता था, लेकिन इस बार व्यापारी खाली बैठे रहे। व्यापारी नेता प्रदीप कालरा के अनुसार गंगा दशहरा पर काफी उम्मीद लगी हुई थी। ऐसा लग रहा था कि लोगों के मन से कोरोना का डर निकलेगा और श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए पहुंचेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।