आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण बिल पर कैबिनेट में मुहर लगने की संभावना
पूर्व अध्यक्ष भाजपा नेता रवींद्र जुगरान के मुताबिक, अगर सब कुछ ठीक रहा तो आगामी विधानसभा सत्र में विधेयक पारित हो जाएगा। जुगरान ने कहा कि विधेयक पारित होने के बाद कानून बनने पर भाजपा की पुष्कर सिंह धामी सरकार के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि होगी।
देहरादून। उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का विधेयक विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सदन में पेश हो सकता है। 1 सितंबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में होने वाली प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में इस विधेयक के प्रस्ताव पर मुहर लगने की संभावना है।
उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी सम्मान परिषद के पूर्व अध्यक्ष भाजपा नेता रवींद्र जुगरान के मुताबिक, अगर सब कुछ ठीक रहा तो आगामी विधानसभा सत्र में विधेयक पारित हो जाएगा। जुगरान ने कहा कि विधेयक पारित होने के बाद कानून बनने पर भाजपा की पुष्कर सिंह धामी सरकार के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि होगी।
शासनादेश को ही कर दिया था समाप्त
उनके मुताबिक, बीते एक दशक से भी ज्यादा समय से उत्तराखंड आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। यहां तक कि सैकड़ों चयनित अभ्यर्थियों को भी विभिन्न सरकारी विभागों में नियुक्ति नहीं मिल पाई है क्योंकि उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने इस शासनादेश को ही समाप्त कर दिया था।
राज्यपाल ने इस विधेयक को संदेश के साथ विधानसभा को वापस लौटा दिया था। कानून बनने पर इसका लाभ उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन के शहीदों के परिजनों, विभिन्न गोलीकांडों में घायल आंदोलनकारियों, जेल व घायल आंदोलनकारियों के आश्रितों व सक्रिय आंदोलनकारियों के आश्रितों को भी मिलेगा।