उत्तराखंड मंत्रिमंडल की बैठक में इन फैसलों पर लगी मुहर
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक हुई। बैठक में आज कुल 11 प्रस्ताव आए, जिसमें गन्ना विभाग के दो प्रस्ताव निरस्त किए गए।
कैबिनेट में फैसला लिया गया कि कोविड-महामारी के कारण कई जगह भर्ती परीक्षा नहीं हो पा रही है। इसके तहत युवाओं को भर्तियों में एक साल की छूट दी जाएगी। यह फैसला 30 जून 2022 तक लागू होगा। जो पहले फॉर्म भर चुके हैं, उन्हीं अभ्यर्थियों को इसका लाभ मिलेगा। लोक सेवा आयोग की परिधि के अन्तर्गत एवं लोक सेवा आयोग की परिधि से बाहर समूह-ग के पदों पर चयन में अभ्यर्थियों को एक वर्ष की छूट सीमा दी गई है।
बैठक में तय किया गया कि कैम्पा की रिपोर्ट विधानमंडल के पटल पर रखी जाएगी। वन निगम में स्केलर पद पर सीएजी की आपत्ति थी, जिसमें विभागीय मंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट में उप समिति बनाई है।
देहरादून महायोजना जोनल प्लान 2025 में सरकारी भवनों को भवन निर्माण के साथ ही सभी राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को भी कार्यालय बनाने की छूट दी जाएगी। दिव्यांग, जिनकी 4000 रुपए तक की आय है उन्हे अंत्योदय में शामिल किया जाएगा और 15 हजार से कम आय वालों को भी लाभ दिया जाएगा।
नैनीताल हाईकोर्ट में ट्रांसपोर्ट को लेकर मामला चल रहा है। जिस पर परिवहन विभाग ने एक मुश्त सहायता का प्रस्ताव दिया था। कैबिनेट ने इस मामले में मुख्यमंत्री को निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया है।
श्रीनगर, दून और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में 501 पद का सृजन होगा। जिसमें श्रीनगर के सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल के लिए अलग से 44 पद सृजित किए गए हैं।
लखवाड़-ब्यासी योजना के लिए 14.50 एकड़ जमीन देने के निर्णय को वापस लिया गया। यह जमीन रेशम विभाग के पास ही बनी रहेगी। वहीं 2013 में तत्कालीन सीएम ने बार एसोसिएशन बागेश्वर को जमीन देने की घोषणा की थी। जिसे आज मंत्रिमंडल ने हरी झंडी दे दी है।
वहीं मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को जल्द सभी योजनाओं, कार्यक्रमों और अन्य कार्यों के लिए वित्तीय और प्रशासनिक मंजूरी जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त तक इस संबंध में शासनादेश जारी हो जाने चाहिए।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री) आनंद बर्द्धन ने सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों, प्रभारी सचिवों को इस संबंध में पत्र जारी किया। पत्र में उन्होंनेे 15 अगस्त तक सभी योजनाओं, कार्यक्रमों, परियोजनाओं व कार्यों के लिए बजट प्रावधान के तहत वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति देने को कहा।
कोरोना की पहली व दूसरी लहर में विकास कार्यों की रफ्तार धीमी रही। वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृतियां प्रभावित हुईं। चुनाव साल में धामी सरकार पर प्रदर्शन का दबाव है। सरकार के पास काम के बमुश्किल पांच से छह महीने हैं। राज्य सरकार के कई योजनाएं बजट में घोषित हो चुकी हैं, लेकिन अभी विभागों को इन योजनाओं की मद में प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति नहीं मिली है। इस कारण योजनाएं शुरू नहीं हो पा रही हैं।
पूर्ण होने वाले निर्माण कार्यों पर फोकस
सरकार का सबसे अधिक फोकस उन निर्माण कार्यों पर है, जिन पर 60 फीसदी से अधिक कार्य हो चुका है। ऐसे कार्यों को जल्द से जल्द पूरा कराने पर सरकार ज्यादा जोर दे रही है। इसके अलावा सरकार का उन कार्यों पर अधिक फोकस है, जो उसके चुनावी दृष्टि पत्र का हिस्सा रहे हैं।