मुंबई। 70 और 80 के दशक में फिल्म इंडस्ट्री में अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, जीतेंद्र, विनोद खन्ना और राजेश खन्ना जैसे सुपरस्टार्स की तूती बोलती थी। एक और इनका बोलबाला था तो वहीं वहीं दूसरी ओर इसी दौरान एक ऐसे एक्टर ने बॉलीवुड में एंट्री मारी, जिसने अपनी पहली फिल्म से सभी को हैरत में डाल दिया। सालों बाद भी इस एक्टर का स्टारडम जिंदा है, ठीक वैसे ही जैसा उस दौर में हुआ करता था। ये एक्टर अपनी एक्टिंग के दम पर न सिर्फ भारत बल्कि रूस में भी सुपरस्टर कहलाया। गौर करने वाली बात है कि इस एक्टर के नाम अमिताभ और धर्मेंद्र जैसी सफल फिल्में नहीं हैं। एक से बढ़कर एक फ्लॉप फिल्में देकर भी ये एक्टर सुपरस्टार बना हुआ है।
मिथुन ने दी 47 डिजास्टर फिल्में
कुछ सितारों के करियर की शुरुआत फ्लॉप फिल्मों से होती है और बाद में वो हिट फिल्में देकर बॉलीवुड के सुपरस्टार बन जाते हैं, लेकिन, क्या आप जानते हैं कि 80-90 के दशक के इस सितारे के साथ सब कुछ विपरीत हुआ। एक के बाद एक कई फिल्मों में काम किया, सी-ग्रेड से बी-ग्रेड और फिर जीनत अमान के सहारे ए ग्रेड फिल्मों का हीरो बना और देखते ही देख फिल्ममेकर्स की पसंद बन गया। फिर भी इस एक्टर के नाम चुनिंदा हिट फिल्में ही दर्ज हैं। वो बॉलीवुड का इकलौता सितारा है जिसने अपने 47 साल के करियर में 180 फ्लॉप फिल्में दी हैं और उसने अपनी करीब 200 फिल्में कभी भी नहीं देखी हैं। ये कोई और नहीं बल्कि मिथुन चक्रवर्ती हैं। एक्टर के करियर की 180 फ्लॉप फिल्मों में से 47 डिजास्टर साबित हुईं।
फ्लॉप देकर भी कैसे बने सुपरस्टार
इतनी फ्लॉप्स और फिर भी सुपरस्टार, आखिर कैसे? ये सवाल लाज्मी है। उनके सुपरस्टार बनने का कारण यह है कि मिथुन चक्रवर्ती ने 180 फ्लॉप फिल्मों के साथ-साथ 50 हिट फिल्मों में भी काम किया है, जो किसी भी अभिनेता के लिए चौथा सबसे बड़ा आंकड़ा है। 1990 के दशक में मिथुन ने एक बार सबसे ज्यादा लगातार फ्लॉप फिल्मों का रिकॉर्ड बनाया था, जब 1993-98 के बीच उनकी लगातार 33 फिल्में पिट गई थी। फिलहाल कई फिल्में उनकी ऐसी भी रहीं जिनके लिए क्रिटिक्स ने उन्हे खूब सराहा। फिल्में भले ही फ्लॉप रहीं, लेकिन उनकी एक्टिंग के पर कभी कोई सवाल नहीं उठा सका। स्क्रिप्टों का चयन भले ही खराब था, लेकिन उनकी कला और हुनर में हमेशा निखार देखने को मिला।
मिले तीन नेशनल अवॉर्ड
मिथुन चक्रवर्ती ने कहा था, ‘मैंने 370 से ज्यादा फिल्में की हैं, जिनमें से करीब 200 फिल्में मैंने आज तक नहीं देखी हैं। इनमें से 100 फिल्मों ने गोल्डन जुबली और डायमंड जुबली भी पूरी की और कई फिल्में दो साल तक पर्दे पर चलीं, लेकिन उन 200 फिल्मों में भी मैंने पूरी ईमानदारी और मेहनत से काम किया।’ बता दें, एक्टर के नाम तीन नेशनल अवॉर्ड हैं। 1976 में उन्हें पहला नेशनल अवॉर्ड मिला था। ये उनकी डेब्यू फिल्म ‘मृग्या’ के लिए था। इसके बाद उन्हें 1993 और 1996 में भी नेशनल अवॉर्ड मिला। ये सिर्फ और सिर्फ उनकी बेमिसाल परफॉर्मेंस के लिए मिला है।
झेली गरीबी की मार
आज मिथुन चक्रवर्ती भले ही करोड़ों के मालिक हैं, लेकिन एक दौर ऐसा था जब उनके पास खाने के पैसे भी नहीं थे। फिल्मों में आने से पहले उन्होंने बुरे दौर का सामना किया। मिथुन को कई रातें फुटपाथ पर गुजारनी पड़ीं। फिल्मों में आने के बाद भी जवीन उतार-चढ़ाव भरा रहा। आज तमाम मुश्किलों को पार कर के मिथुन चक्रवर्ती भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च अवॉर्ड दादा साहेब फाल्के अपने नाम कर रहे हैं। इसी साल उन्हें पद्म भूषण से भी नवाजा गया है।