शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार को करें ये आसान उपाय
हमारे पुराणों में शनिदेव को सूर्य पुत्र और कमफल दाता कहा जाता है। स्वभाव से कठोर होने के कारण शनि बुरे काम और कर्मों के लिहाज से दंड देते हैं। इसलिए शनि की ढैया या साढ़ेसाती से प्रभावित लोग काफी परेशान हो जाते हैं। जब शनि अशुभ फल देते हैं तो व्यक्ति का बुरा समय चलता है। ऐसे में शनिवार का दिन शनि प्रभाव को सकारात्मक करने के लिए उपयुक्त माना जाता है। कहते हैं कि शनिवार शनिदेव का दिन है और इस दिन कुछ आसान उपाय करके आप शनिदेव को प्रसन्न कर सकते हैं।
चलिए जानते हैं कि शनिवार के दिन क्या उपाय करने चाहिए कि शनि शुभ फल दें।
शनिवार के दिन लोहा, काली वस्तुएं, छाता, उड़द की दाल, चमड़े के जूते इत्यादि नहीं खरीदना चाहिए। कहते हैं कि काले रंग की चीजें खरीदने से शनि का अशुभ प्रभाव शुरू हो जाता है।
शनिवार के दिन शनिदेव के मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाएं और साथ में काली उड़द या काले तिल भी शनिदेव को अर्पित कर सकते हैं।
शनिवार के दिन गरीब को दान करके या किसी जरूरतमंद की मदद करनी चाहिए। इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं।
शनिवार के दिन लोहे की कोई ऐसी चीज जो शनि मंदिर में काम आ सके, मंदिर में दान करने से भी शनि शुभ फल देते हैं।
शनिवार के दिन सुबह सरसों के तेल की मालिश करके नहाना चाहिए।
शनिवार के दिन गेंहू पिसवाएं और कुछ काले चने भी इसमें मिला लें। इससे शनिदेव से आर्थिक समृद्धि का वरदान मिलता है।
इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। इससे शनि का अशुभ फल समाप्त हो जाता है।
शनिवार के दिन काली चीटियों को आटा और शक्कर मिलाकर खिलाने से भी शनिदेव का अशुभ प्रभाव खत्म होने लगता है।
कहते हैं कि शनिवार के दिन बजरंग बली की पूजा से भी शनि के अशुभ फल कट जाते हैं। दिन में जब भी समय मिले हनुमान चालीसा या बजरंग बाण का जाप करना चाहिए।
जो लोग शनि की ढैय्या से पीड़ित हैं उन्हें हर शनिवार हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
शनिवार ही नहीं किसी भी दिन झूठ बोलना, छल करना, किसी को अपमानित करना, शराब पीना शनि को क्रुद्ध करता है। इसलिए शनि का शुभ फल चाहिए तो ये काम करने से बचना चाहिए क्योंकि शनि कर्म प्रधान देवता है।
नोट – उल्लिखित लेख सामान्य जानकारी के तौर पर है। लाल किताब और प्रचलित मान्यताओं के आधार पर ये जानकारी एकत्र की गई है। विनर टाइम्स इनकी सत्यता की पु्ष्टि नहीं करता। अमल करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ से राय लें।