आज वायुसेना का हिस्सा बनेगा राफेल, पढ़िए खबर
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर बढ़ते तनाव के बीच पांच राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप को आज अंबाला एयरबेस पर औपचारिक रूप से वायुसेना में शामिल किया जाएगा। कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, फ्रांस के उनके समकक्ष फ्लोरेंस पार्ली, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, वायुसेना प्रमुख आर के एस भदौरिया और रक्षा सचिव अजय कुमार शिरकत करेंगे।
वायुसेना के एक प्रवक्ता ने कार्यक्रम को बल के इतिहास का बेहद महत्वपूर्ण मील का पत्थर करार देते हुए कहा, ”कार्यक्रम के दौरान राफेल विमान का औपचारिक अनावरण किया जाएगा। पारंपरिक ”सर्वधर्म पूजा” की जाएगी और राफेल और तेजस विमान हवाई करतब दिखाएंगे।” राफेल विमानों का निर्माण फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन ने किया है।
वायुसेना के प्रवक्ता विंग कमांडर इंद्रनील नंदी ने कहा कि राफेल विमानों को बल के 17वें स्क्वॉड्रन में शामिल करने से पहले उन्हें पानी की बौछारों से पारंपरिक सलामी दी जाएगी। 29 जुलाई को पहली खेप के तहत पांच राफेल विमान भारत लाए गए थे। भारत ने लगभग चार साल पहले फ्रांस से 59,000 करोड़ रुपये में 36 राफेल विमान खरीदने का सौदा किया था। भारत के लिए खास तौर पर तैयार किए गए अत्याधुनिक 36 राफेल विमान मीका, मीटियोर और स्काल्प मिसाइलों से लैस होंगे। इन मिसाइलों की बेजोड़ मारक क्षमता से वायुक्षेत्र में भारतीय वायुसेना का दबदबा हो जाएगा।
फ्रांस की रक्षा मंत्री पार्ले आज भारत आ रही हैं जहां वह अंबाला में समारोह में हिस्सा लेंगी जिसमें पांच राफेल विमान के पहले दस्ते को भारतीय वायु सेना में शामिल किया जायेगा। फ्रांस की रक्षा मंत्री अपने भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल के साथ वार्ता भी करेंगी। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि फ्रांस की रक्षामंत्री फ्लोरेंस पार्ली को दिल्ली आगमन पर सम्मान स्वरूप सलामी गारद दी जाएगी। फ्रांस के दूतावास के बयान के अनुसार, इस बातचीत का केन्द्र हिन्द प्रशांत क्षेत्र में नौवहन सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग और सम्पूर्ण द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूत बनाना होगा।
दूतावास ने कहा, ‘‘इनके बीच विविध विषयों पर चर्चा होगी जिसमें औद्योगिक एवं प्रौद्योगिकी गठजोड़ शामिल है जो मेक इन इंडिया कार्य्रक्रम के अनुरूप होगा। इसके साथ परिचालनात्मक रक्षा सहयोग खास तौर पर हिन्द प्रशांत में नौवहन सुरक्षा, कोविड-19 की पृष्ठभूमि में सशस्त्र बलों के संयुक्त अभ्सास को लेकर रूपरेखा बनाने तथा महत्वपूर्ण क्षेत्रीय एवं अंतररष्ट्रीय सामरिक मुद्दों पर भी चर्चा होगी।’’
इसमें कहा गया है कि दोनों पक्ष फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच भारत फ्रांस साझेदारी को सामरिक स्वायत्ता के साथ और गहरा बनाने एवं विस्तार देने तथा बहुध्रुवीय व्यवस्था से जुड़े फैसले को आगे ले जाने के बारे में चर्चा करेंगे। दूतावास के अनुसार, वर्ष 2017 के बाद से पार्ली की यह भारत की तीसरी यात्रा है और कोरोना वायरस फैसने के बाद पहली आधिकारिक यात्रा में शामिल है।
फ्रांस की रक्षा मंत्री के साथ दसां एविएशन के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी एरिक ट्रैपीयर और एमबीडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एरिक बेरांगर, थेलेस ग्रूप, सैफ्रन के अधिकारी भी आयेंगे जो फ्रांस की अग्रणी रक्षा कंपनियों का प्रतिनिधित्व करते हैं और राफेल सौदे के तहत कई भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी कर रहे हैं।