एनआईओएस डीएलएड संगठन उत्तराखंड के प्रशिक्षित युवाओं ने किया सीएम आवास कूच, भावना पांडे ने दिया समर्थन
देहरादून। अपनी मांगों को लेकर एनआईओएस डीएलएड संगठन उत्तराखंड के प्रशिक्षित युवा बीते काफी समय से एकता विहार में डटे हुए हैं और धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। इसकी क्रम में उन्होंने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास कूच किया किन्तु पुलिस के द्वारा उन्हें बीच रास्ते में ही रोक लिया गया। इस दौरान जनता कैबिनेट पार्टी की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे भी उन्हें अपना समर्थन देते हुए नज़र आईं।
मुख्यमंत्री आवास कूच के दौरान मौजूद जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने कहा कि उत्तराखंड में एनआइओएस डीएलएड टीइटी प्रशिक्षितों की संख्या करीब बारह सौ हैं, लेकिन सरकार 2020-21 प्राथमिक भर्ती में उन्हें शामिल नहीं कर रही है। सरकार के इस लापरवाह रवैये की वजह से युवाओं में आक्रोश व्याप्त है और वे प्रदर्शन करने को मजबूर हो रहे हैं।
भावना पांडे ने उत्तराखंड की भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि इस वक्त उत्तराखंड के कईं बेरोजगार युवा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन व अनशन कर रहे हैं। यही नहीं इस सर्दी के मौसम में भी मजबूरन भूखे-प्यासे रहकर खुले आसमान के नीचे सोने को विवश हैं। बावजूद इसके सरकार को इनकी कोई परवाह नहीं है।
वहीं दूसरी ओर धरना दे रहे बेरोजगार युवाओं के समर्थन में उतरीं जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने अपनी टीम के साथ धरना स्थल पर ही डेरा डाल दिया है। यही नहीं वे लगातार इन आंदोलन कर रहे युवाओं का ध्यान रख रही हैं और इनके भोजन पानी की व्यवस्था करा रही हैं। इस कार्य के लिए उन्होंने अपने खर्च पर यहाँ भट्टी भी लगाई है जहाँ नियमित भोजन पकाने का कार्य किया जा रहा है।
आपको बता दें कि अपनी लंबित मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास कूच करने जा रहे एनआइओएस डीएलएड टीईटी प्रशिक्षित महासंघ से जुड़े प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हाथीबड़कला बैरिकेडिंग पर ही रोक लिया। जिससे नाराज प्रदर्शनकारी वहीं धरने पर बैठ गए। इस दौरान राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे भी प्रदर्शनकारियों के साथ मौजूद रहीं। वहीं उनकी पुलिस के साथ तीखी नोकझोंक भी हुई। इसके बाद महासंघ ने नायब तहसीलदार सुरेंद्र सिंह के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा।
इस दौरान जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने कहा कि वे उत्तराखंड की आंदोलनकारी बेटी हैं और पिछले कईं सालों से राज्य हित से जुड़े मुद्दों को लेकर आंदोलन करती आई हैं। अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे युवाओं को देख उनका मन भी इन युवाओं के हक़ की लड़ाई में शामिल होने को हुआ। इसी के चलते वे सभी धरना स्थलों पर जाकर अपना समर्थन एवँ सहयोग दे रही हैं।