शहीद दिवस पर भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को अर्पित किए श्रद्धा सुमन
वक्ताओं ने कहा भगत सिंह ने देश के युवाओं को आजादी के संघर्ष में सहयोग देने का आह्वान करते हुए अंग्रेजों की गुलामी और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई और वे सभी के लिए आदर्श बन गए।
देहरादून। शनिवार दिनांक 23-मार्च को संयुक्त नागरिक संगठन, दून रेजिडेंट वेलफेयर फ्रंट, गवर्नमेंट पेंशनर्स वेलफेयर संगठन आदि संस्थाओ के प्रतिनिधिगणों द्वारा ने गांधी पार्क में शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। शहीद भगत सिंह के चित्र पर गणमान्य नागरिको द्वारा पुष्पांजलि अर्पित कर दो मिनट मौन रखते हुए सामूहिक श्रद्धांजलि दी गई।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा भगत सिंह ने देश के युवाओं को आजादी के संघर्ष में सहयोग देने का आह्वान करते हुए अंग्रेजों की गुलामी और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई और वे सभी के लिए आदर्श बन गए। वक्ताओं का कथन था कि भगत सिंह के ये जज्बात आज भी वरिष्ठ नागरिको के दिलो को झकझोर देते है कि सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजू में कातिल में है। ये क्रान्तिकारी शब्द आज भी हमारे युवाओं को अन्याय, भ्रष्टाचार, अनैतिकता के खिलाफ संघर्ष करने की प्रेरणा देते है।
कुछ वक्ताओं ने कहा भगत सिंह का कहना था कि जिंदगी तो अपने दम पर ही दी जाती है, दूसरे के कंधों पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते है, का मकसद यह था कि हमें अपने आप पर ही भरोसा होना जरूरी है तभी हम अंग्रेजों को देश से बाहर निकाल सकते हैं। भगत सिंह का यह कहना अंग्रेज मुझे मार सकते हैं पर मेरे विचारों को नहीं, शरीर को कुचल सकते हैं पर आत्मा को नहीं का मकसद यह था कि क्रांति की ज्वाला को बुझाया नहीं जा सकता भले ही मौत आ जाए। मर कर भी मेरे दिल से वतन की उल्फत नहीं निकलेगी मेरी मिट्टी से भी मेरे वतन की खुशबू आएगी शहीद के कथन को आज भी युवाओ के लिए प्रेरणा स्रोत बताया गया।
कार्यक्रम का संचालन ओम वीर सिंह चौधरी द्वारा किया गया श्रद्धांजलि देने वालों में कर्नल बीoएमo थापा, लेफ्टिनेंट कर्नल बीoडीoगंभीर, गोवर्धन प्रसाद शर्मा, उपेंद्र विजलवाण, शक्ति प्रसाद डिमरी, आरo आरo पैन्यूली, दिनेश भंडारी, जगमोहन मेहंदीरत्ता, पीoसीo खंतवाल, आईoपीoएसo रावत, पीo केo सेनी, यशवीर सिंह, अवधेश शर्मा, बीo एसo नेगी, एसoपीo चौहान, वीरेंद्र कुमार, ठाकुर शेर सिंह, विशंभर नाथ बजाज, पीo सीo नागिया, जगदीश बावला, अनिल कुमार, जेo केo डंडोना, दीपचंद शर्मा मुकेश नारायण शर्मा रमेश दत्त रतूड़ी अशोक कुमार शर्मा, ताराचंद गुप्ता, किरोड़ी लाल गुप्ता, विजय कैंथुरा, देवेंद्रपाल मोंटी, नंदकिशोर त्रिपाठी, अशोक कुमार, मनोज ध्यानी, शशांक गुप्ता, आरके अग्रवाल, विनोद नौटियाल, नवीन सडाना, विजय पाहवा, सुशील त्यागी, आरo एसo धुनता, परमजीत सिंह कक्कड़ , डाक्टर एसo एसo खेरा व प्रदीप कुकरेती आदि रहे।