त्रिवेंद्र सरकार ने लिए कईं बड़े फैसले, पढ़ें ये खबर
देहरादून। उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार ने प्रदेश के करीब 24 लाख राशन कार्ड धारकों और अतिथि शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। राशनकार्ड धारकों को हर माह दो दालें (एक-एक किलोग्राम) सस्ती दरों पर देने का निर्णय लिया है। मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना को मंजूरी दी है। केंद्र से तय होने वाले रेट पर राज्य सरकार 15 रुपये प्रति दाल सब्सिडी देगी।
इससे 40 से 50 रुपये प्रति किलोग्राम चना, मसूर या फिर मलका की दाल सस्ते गले की दुकानों पर उपलब्ध करवाई जाएगी। वहीं, मंत्रिमंडल ने प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों में अलग-अलग मानदेय पर पढ़ा रहे अतिथि शिक्षकों (गेस्ट टीचर) को बड़ी सौगात दी है। उनका मानदेय बढ़ाकर अब एक समान 700 रुपये प्रतिवादन के हिसाब से अधिकतम 35 हजार रुपये मासिक करने का फैसला लिया गया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक हुई। बैठक में 14 एजेंडा प्रस्तावों में से 12 पर मंत्रिमंडल की मुहर लगी। मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना अगले माह से प्रदेश में लांच होगी।
इस योजना से प्रत्येक परिवार को एक-एक किलोग्राम दो अलग-अलग दालें बेहद सस्ती दरों पर उपलब्ध करवाई जानी हैं। राज्य में नैफेड (नेशनल एग्रीकल्चर कारपोरेशन मार्केटिंग फेडरेशन आफ इंडिया) या एनसीसीएफ (नेशनल कापरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन आफ इंडिया) के माध्यम से दालों की आपूर्ति की जा सकती है।
इन्हें भी मिलेगा लाभ:
प्रदेश सरकार की ओर से योजना के लिए दालों की डिमांड केंद्र को भेजी जा चुकी है। केंद्र से दालों का स्टॉक उपलब्ध होते ही प्रदेश में जल्द ही यह योजना शुरू हो जाएगी। वहीं, महाविद्यालय और विश्वविद्यालयों में तैनात 354 गेस्ट टीचरों को बड़े मानदेय का लाभ मिलेगा।
शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि अभी तक 263 गेस्ट टीचरों को 15 हजार, 59 को 25 हजार और विवि में तैनात 35 को 35 हजार रुपये मासिक मिल रहा था। नई व्यवस्था के तहत अब गेस्ट टीचरों को 700 रुपये प्रतिवादन के हिसाब से अधिकतम 35 हजार रुपये मासिक मानदेय मिलेगा। उन्हें न्यूनतम 40 पीरियड पढ़ाने होंगे। अध्यापन के पीरियड का निर्धारण और व्यवस्था कालेज प्रबंधन को करनी होगी।
वहीं, मंत्रिमंडल ने सचिवालय स्तर तक चिकित्सा शिक्षा और चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अलावा सूचना प्रौद्योगिकी और विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग का एकीकरण कर दिया। अगले निर्णय तक निदेशालय या अन्य निचले स्तर पर पूर्व की भांति ही इन विभागों में काम होगा।
अन्य बड़े फैसले:
– राज्याधीन सेवाओं, निगमों, सार्वजनिक उद्यमों, शिक्षण संस्थानों में सीधी भर्ती के लिए विभिन्न श्रेणियों में लागू आरक्षण व्यवस्था के तहत रोस्टर बनाने के लिए कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य की अध्यक्षता में कमेटी का गठन।
– उत्तराखंड मोटर कराधान सुधार अधिनियम 2003 की धारा 4 एवं धारा 10 के अधीन कर दरों का संशोधन हो गया है।
– वित्त समिति की अध्यक्षता कर सकेंगे प्रमुख सचिव। मुख्य सचिव करेंगे प्रमुख सचिव को नामित।
– उत्तराखंड राज्य लोक सेवा अभिकरण नाम से गठित एजेंसी आईटी विभाग को स्थानांतरित।
– आयुर्वेद विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत हुए संशोधन को लिया वापस। पूर्व रजिस्ट्रार मृत्युंजय मिश्रा को मूल विभाग में भेजा गया।
स्वतंत्रता सेनानियों के नातिन-नातियों को भी आरक्षण
सरकार ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की बेटियों के बच्चों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के लिए मिलने वाले आरक्षण लाभ में शामिल कर लिया है। मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा शारीरिक रूप से विकलांग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रितों और भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण अधिनियम में संशोधन किया है।