उद्यान बनेगा विकास की सीढ़ी
देहरादून। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश में कृषि, उद्यान, पुष्प, जड़ी बूटी व रेशम उत्पादन तथा इन क्षेत्रों में सेवायोजन कार्यालयों में पंजीकृत बेरोजगार युवाओं को समूह बनाकर सुनिश्चित स्व-रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री युवा स्वावलंबन योजना प्रारंभ करने के निर्देश दिए है। इससे अधिक से अधिक युवा खेती व बागवानी से जुड़ सकेंगे। इस योजना का नोडल विभाग ग्राम्य विकास विभाग होगा।
इस सम्बंध में प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास श्रीमती मनीषा पंवार ने बताया कि इस योजना के अधीन श्रम एवं सेवायोजन विभाग द्वारा सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत इच्छुक शिक्षित बेरोजगारों की सूची ग्राम्य विकास विभाग को उपलब्ध करायी जायेगी। उपलब्ध सूची के आधार पर ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में कम से कम 5 तथा मैदानी क्षेत्रों में कम से कम 10 युवाओं को एक स्वयं-सहायता समूह में संगठित किया जाएगा। समूह में सदस्यों की अधिकतम संख्या 15 होगी।
इन समूहों को आधुनिक तकनीकी हस्तांतरण करते हुए सशक्त किया जाएगा। स्वयं सहायता समूह के संगठन एवं संचालन संबंधी प्रशिक्षण एवं क्षमता विकास कार्य भी ग्राम्य विकास विभाग द्वारा किया जाएगा। तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत उत्तराखंड कौशल विकास मिशन (यू0के0एस0डी0एम0) के माध्यम से भी युवाओं के गठित समूह को आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा।
कृषि, उद्यान, वन, जड़ी-बूटी तथा रेशम आदि विभागों द्वारा इन स्वयं सहायता समूह को शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर संबंधित योजनाओं से तकनीकी, वित्तीय आदि सभी अनुमन्य लाभ दिए जाएंगे। राज्य की भूमि लीज नीति के तहत संबंधित स्वयं-सहायता समूह द्वारा स्वयं लीज पर भूमि की व्यवस्था की जाएगी।
उन्होने बताया कि समाज कल्याण विभाग द्वारा नियमानुसार अनु0 जाति/अनु0जनजाति के समूहों/समूह से जुडे़ युवाओं को विभाग द्वारा संचालित योजनाओं से सभी अनुमन्य लाभ उपलब्ध कराये जायेंगे। नाबार्ड द्वारा इस योजना में गठित समूह को सशक्त करने हेतु नाबार्ड सहायतित योजनाओं से वित्तीय व तकनीकी सहयोग प्रदान किया जाएगा जबकि अन्य बैंकों के साथ-साथ स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक द्वारा भी वित्तपोषण उपलब्ध कराया जाएगा।
राज्य की भूमि लीज नीति के तहत समूह द्वारा लीज पर ली गई भूमि में यदि सिंचाई की सुविधा उपलब्ध न हो तो जलागम विभाग द्वारा उक्त क्षेत्र में सिंचाई की व्यवस्था शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराई जाएगी। समूह द्वारा उत्पादित उत्पादों के विपणन के लिए पैकेजिंग, ब्रांडिंग आदि में तकनीकी सहयोग आईफैड द्वारा सहायतित समेकित आजीविका सुधार परियोजना (आई0एल0एस0पी0) द्वारा किया जाएगा।
इस योजना का अनुश्रवण मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय अधिकार प्राप्त समिति द्वारा भी किया जाएगा जिसमें अन्य संबंधित विभाग के प्रमुख सचिव/सचिव इसमें सदस्य होंगे। इस योजना के तहत राज्य परियोजना प्रबंधन इकाई ग्राम्य विकास विभाग द्वारा विभिन्न विभागों से इन समूहों के सशक्तिकरण हेतु विशेष परियोजनाएं भी तैयार करने का प्रयास किया जाएगा।
विभिन्न रेखीय विभागों के माध्यम से संचालित योजनाओं के वित्तीय तथा तकनीकी सहयोग के साथ-साथ ग्राम्य विकास विभाग द्वारा इस योजना के तहत गठित युवा स्वयं सहायता समूह को समूह गठन के उपरांत बैंक खाता खोलने पर 25000 रूपये प्रति समूह सीड केपिटल के रूप में ग्राम्य विकास विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी, जो कि समूह का रिवाल्विंग फंड होगा। समूह का माइक्रो क्रेडिट प्लान बैंक द्वारा स्वीकृत होने पर 1,25,000 प्रति समूह की दर से ग्राम्य विकास विभाग द्वारा अनुदान इन्वेस्टमेंट फंड के रूप में समूह के खाते में डीबीटी के तहत उपलब्ध कराया जाएगा।