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संयुक्त नागरिक संगठन ने की वरिष्ठ नागरिकों को राहत देने की मांग

संगठन सचिव सुशील त्यागी ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के 24 अक्टूबर 24 के आदेश के अनुपालन में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, बिहार, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल व कर्नाटक आदि राज्यों में केवल ग्रीन पटाखो के सीमित तथा समयबद्ध प्रयोग हेतु सख्त कदम उठाए गए हैं।

देहरादून। सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में दीपावली पर कैमिकल युक्त पटाखों, बमों से पैदा असहनीय ध्वनि तथा वायु प्रदूषण पर कठोर नियंत्रण हेतु तत्काल कदम उठाकर वरिष्ठ नागरिकों को राहत देने का अनुरोध करते हुए, संयुक्त नागरिक संगठन की ओर से आवाज उठाई गई।

संयुक्त नागरिक संगठन की ओर से राज्यपाल, मुख्य सचिव, सचिव प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि दीपावली पर खुशियों को अभिव्यक्त करने के लिए भयंकर आवाज वाले पटाखे आतिशबाजी भी शामिल होती हैं। परंतु इन कृत्यों से यदि बीमार, असहाय, वृद्धजनों एवं वरिष्ठ नागरिकों को सांस लेने में कठिनाई, मानसिक व शारीरिक आघात पहुंचे तो उनके लिए यह पर दुखदाई साबित होता है।

संगठन सचिव सुशील त्यागी ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के 24 अक्टूबर 24 के आदेश के अनुपालन में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, बिहार, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल व कर्नाटक आदि राज्यों में केवल ग्रीन पटाखो के सीमित तथा समयबद्ध प्रयोग हेतु सख्त कदम उठाए गए हैं। परंतु उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा उपरोक्त आदेशों के अनुपालन में आमजन को जागरूक करने तथा नियंत्रण हेतु कोई कदम नहीं उठाए गए हैं जो पर्यावरण प्रेमीजनों के लिए दुख का विषय है। इसलिए आमजन को जागरूक करने तथा ध्वनि तथा प्रदूषण में सहायक केमिकल युक्त बमों के निर्माण, स्टोरेज, बिक्री तथा प्रयोग पर सख्ती से नियंत्रण के लिए सभी संबंधित विभागों को जनहित में तत्काल आदेश जारी करने का कष्ट करें। इससे वरिष्ठ नागरिकों को राहत मिल सकेगी।

पत्र की प्रतिलिपि जिला मजिस्ट्रेट तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भी भेजी गई हैं।

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