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संयुक्त नागरिक संगठन ने सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर को भेजा पत्र, की ये मांग

मांग पत्र मे कहा गया है कि विगत समय मे सेन्सर बोर्ड से स्वीकृत आदिपुरुष, पठान, द केरल स्टोरी, पद्मावत आदि फिल्मो के प्रदर्शन की अनुमति दी गयी जो सेंसर बोर्ड के दिशानिर्देश का खुला उल्लंघन थी।

देहरादून। केन्द्रीय सेंसर बोर्ड द्वारा जारी दिशा निर्देशो के विरुद्ध, देशप्रेम साम्प्रदायिक सौहार्द पारस्परिक एकजुटता की भावना के खिलाफ, अश्लीलता, वैमनस्यता, हिंसा, अनैतिक आचरण फैलाने वाली फिल्मो के निर्माण तथा प्रदर्शन पर रोक लगाये जाने की मांग करते हुए संयुक्त नागरिक संगठन ने सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर को पत्र भेजा।

संयुक्त नागरिक संगठन की ओर से सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर को भेजे गये मांग पत्र मे कहा गया है कि विगत समय मे सेन्सर बोर्ड से स्वीकृत आदिपुरुष, पठान, द केरल स्टोरी, पद्मावत आदि फिल्मो के प्रदर्शन की अनुमति दी गयी जो सेंसर बोर्ड के दिशानिर्देश का खुला उल्लंघन थी। क्योंकि बोर्ड के इन निर्देशो मे कहा गया है कि फिल्म का माध्यम समाज के मूल्यों और मानकों के प्रति जिम्मेदार और संवेदनशील रहना चाहिए। सिनेमाई रूप से फिल्म एक अच्छे स्तर की होनी चाहिए। साम्प्रदायिक, रूढ़िवादी, वैज्ञानिक-विरोधी और राष्ट्र-विरोधी रवैये को बढ़ावा देने वाले दृश्य या शब्द प्रस्तुत नहीं किए जाने चाहिए।

फिल्म में हिंसा जैसी असामाजिक गतिविधियां नहीं होनी चाहिए। शारीरिक या मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के साथ दुर्व्यवहार या उपहास नहीं दिखाया गया हो। महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा वाले दृश्यों, जैसे बलात्कार, बलात्कार का प्रयास या किसी भी तरह के छेड़छाड़ के दृश्यों से बचना चाहिए (यदि ऐसे दृश्य दिखाये भी जाते हैं तो उन्हें कम से कम और एक सीमित दायरे में ही दिखाए जाएं)।

बोर्ड की गाइडलाइंस के अन्त मे जारी ये शब्द:-यदि ऐसे दृश्य दिखाये भी जाते हैं तो उन्हें कम से कम और एक सीमित दायरे में ही दिखाए जाएं को तत्काल प्रभाव से हटा देने की मांग करते हुए कहा गया है। अन्यथा के हालात मे भारतीय संस्कृति, धार्मिक विश्वास, समाजिक मान्यताओं, वैवाहिक परम्पराओं के गिरते स्तर को भविष्य मे रोका जाना मुश्किल हो जायेगा।

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