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बडोनी के गाँव में आदि नाद ढोल-दमाऊँ प्रतियोगिता का आयोजन

देहरादून। उत्तराखंड राज्य अपनी संस्कृति, लोककला एवं अपने मधुर संगीत के लिए अपनी एक अलग पहचान रखता है। राज्य के प्रसिद्ध वाध यंत्र ढोल-दमाऊं की ध्वनि हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देती है। राज्य की इसी पहचान को बढ़ावा देते हुए एक संगीत प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है।

गौरतलब है कि  पिछले वर्ष की भाँति इस वर्ष भी दीपावली से पूर्व उत्तराखंड राज्य संस्कृति के अग्रदूत, उत्तराखंड राज्य निर्माण की संकल्पना के सूत्रधार “उत्तराखंड के गांधी ” इंद्रमणि बडोनी जी के गाँव अखोडी में आदि नाद ढोल-दमाऊँ प्रतियोगिता का आयोजन सुशील शर्मा एवं परिवार ग्राम मुंडेती द्वारा किया जा रहा है।

प्रतियोगिता में संस्कृतिकर्मी प्रोफेसर डीआर पुरोहित, सिनसिनाटी (अमेरिकन यूनिवर्सिटी )के प्रोफेसर स्टेफान, अमेरिकी स्कोलर जेरड और जेसन, प्रसिद्ध ढोल वादक औंकारदास की गरिमामय और शिक्षाविद आचार्य सचिदानंद जोशी, इंद्रमणि बडोनी स्मृति मंच के संस्थापक  रमेश उनियाल ओएचएम

जखोली के प्रबंधक ललिता प्रसाद भट्ट और सीनियर बैंक प्रबंधक और साहित्य, संगीत और सम सामयिक विषयों के स्तरीय समीक्षक युद्धबीर सिंह नेगी जी की प्रेरणादाई उपस्थिति कार्यक्रम में होगी।

इस अवसर पर लोक संस्कृति और कला से प्रेम रखने वाले सैकड़ों लोगों के जुटने की संभावना जतायी जा रही है।

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