उत्तराखंड के 58 दावेदारों को लगा चुनावी झटका
देहरादून। भारत निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव 2012 में आयोग की ओर से तय फार्म में आय व्यय का लेखाजोखा न देने वाले पालिका अध्यक्ष ऋषिकेश दीप शर्मा समेत देहरादून जिले के 58 नेताओं को करारा झटका दिया है। आयोग ने इन पर तीन वर्ष तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है। अब तक आयोग 2012 के विधानसभा चुनाव में आय व्यय का ब्योरा न जमा करने वाले 89 नेताओं पर संसद के किसी भी सदन, विधानसभा व विधान परिषद चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर चुका है।
विधानसभा चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग की ओर से बनाए गए प्रारूप और दिए गए फार्म पर चुनाव लडऩे वाले सभी प्रत्याशियों को निर्वाचन व्यय का लेखा जोखा देना होता है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में यह व्यवस्था है कि नियम का पालन न करने वालों को चुनाव लड़ने से भी वंचित किया जा सकता है। राज्य निर्वाचन कार्यालय की ओर से इस वर्ष सभी प्रत्याशियों का लेखाजोखा केंद्रीय निर्वाचन आयोग को भेजा गया था। इस कड़ी में निर्वाचन आयोग पहले जून में प्रदेश के 29 नेताओं और फिर जुलाई में दो नेताओं पर चुनाव लड़ने पर रोक लगा चुका है।
अब भारत निर्वाचन आयोग ने देहरादून के ऐसे 58 लोगों की सूची जारी की है जिन्होंने निर्वाचन व्यय का समुचित ब्योरा आयोग को उपलब्ध नहीं कराया है। सचिव भारत निर्वाचन आयोग राहुल शर्मा की ओर से जारी आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि व्यय का ब्योरा न देने वाले तीन वर्ष तक संसद के किसी भी सदन के साथ ही विधानसभा व विधान परिषद का चुनाव नहीं लड़ सकते। हालांकि उत्तराखंड में विधान परिषद वजूद में नहीं है।
ये प्रमुख नाम नहीं लड़ पाएंगे चुनाव :-
दीप शर्मा, रजनी रावत, अजय सूद, लक्ष्मी अग्रवाल, गुलजार अहमद, पंकज क्षेत्री, नुपुर गुप्ता, हेमा वोहरा, भार्गव चौहान, राहुल चौहान आदि।
इन विधानसभाओं से कटे नाम :-
विकासनगर-5, सहसपुर – 9, धर्मपुर-7, रायपुर-14, राजपुर-4, कैंट-5, मसूरी-3, डोईवाला-5 व ऋषिकेश-6।
एक जनवरी तक जुड़ेंगे नाम :-
मुख्य निर्वाचन अधिकारी राधा रतूड़ी ने बताया कि विधानसभा निर्वाचक नामावली में एक जनवरी तक नाम हटाए अथवा जोड़े जाएंगे। किसी भी अशुद्धि को दूर करने के लिए 13 दिसंबर तक प्राप्त दावों का निस्तारण किया जाएगा। उन्होंने सभी नागरिकों से उक्त तिथि तक अपना नाम जोड़ने की अपील की है।