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उत्तराखंड में बंद हो जाएंगी जीएनएम की 583 सीटें, पढ़ें ये खबर

देहरादून। देशभर में वर्ष 2021 से जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (जीएनएम) का पाठ्यक्रम नहीं चलेगा। इस फैसले के बाद उत्तराखंड में 583 जीएनएम की सीटें खत्म हो जाएंगी। इंडियन नर्सिंग काउंसिल (आईएनसी) ने इस कोर्स का बंद करने का फैसला लिया है। इससे जुड़ी फैकल्टी को बीएससी नर्सिंग कोर्स में शामिल कर लिया जाएगा।

इंडियन नर्सिंग काउंसिल के तहत देशभर में एएनएम, जीएनएम, बीएससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग, एमएससी नर्सिंग के पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं। इनमें से जीएनएम कोर्स में 12वीं के बाद दाखिले लिए जाते हैं। यह कोर्स आईएनसी की गवर्निंग बॉडी की बैठक में बंद करने का फैसला लिया गया है। आईएनसी के सचिव रतीश नायर के मुताबिक, इस पाठ्यक्रम में केवल सत्र 2020-21 में ही दाखिले लिए जाएंगे।

सत्र 2021-22 से यह कोर्स बंद कर दिया जाएगा। जो छात्र इस कोर्स में पढ़ रहे होंगे, उनके लिए कोर्स संचालित रहेगा। 2021 से इस कोर्स में कोई भी नया दाखिला नहीं लिया जाएगा। इसके बजाए छात्रों के लिए बीएससी नर्सिंग का विकल्प है। कॉलेजों की फैकल्टी भी इसी कोर्स के अधीन काम करेंगी। उत्तराखंड में जीएनएम की 583 सीटें हैं। यह सभी सीटें वर्ष 2021 से खत्म हो जाएंगी।

इतनी सीटों पर मौका
जीएनएम : 583
एएनएम : 363
बीएससी नर्सिंग : 465
पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग : 70
एमएससी नर्सिंग : 50
आयु में छूट का किया गया प्रावधान :
नर्सिंग कोर्स कर रहे छात्रों के लिए एक राहत की खबर है। आईएनसी ने तय किया है कि छात्र को कोर्स की अवधि बीतने के बाद भी मौका मिल सकता है लेकिन इसके लिए उन्हें संबंधित राज्य के विश्वविद्यालय की एक बुनियादी परीक्षा पास करनी होगी। वहीं, सरकारी एएनएम या मल्टीपरपज हेल्थ वर्कर को भी एएनएम कोर्स की अवधि में आयु में छूट का प्रावधान किया गया है।एचएनबी मेडिकल विवि के कुलसचिव प्रो. विजय जुयाल ने बताया कि इंडियन नर्सिंग काउंसिल की ओर से जीएनएम कोर्स बंद करने की सूचना भेजी गई है। इसी हिसाब से इस कोर्स को बंद करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

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