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उत्तराखंड में सुविधाएं विकसित करने के लिए किया जा सकता है निवेश

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड को वेलनेस टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए यहां विश्व स्तरीय पर्यटन आधारभूत संरचना को मजबूत करने की जरूरत है। जिस तरह से राज्य में केंद्र के सहयोग से सड़क, रेल व हवाई सेवाओं में पिछले कुछ समय में बड़े बदलाव आए हैं, उससे यहां आधारभूत संरचना में निवेश की असीम संभावनाएं बनी हैं।

सोमवार को मुंबई में एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक की तीसरी बैठक में विजन ऑफ इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट इन इंडिया विषय पर आयोजित परिचर्चा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में समावेशी विकास के लिए दुर्गम व पर्वतीय क्षेत्र में आधारभूत संरचना के सुधार पर फोकस करने की जरूरत है। आज सारी दुनिया योग की शक्ति मानने लगी है। उत्तराखंड में योग व आयुर्वेद के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। यहां एक मेडीसिटी की संभावना पर भी विचार किया जाना चाहिए, जहां आयुर्वेद एलोपैथिक, होम्योपैथिक, प्राकृतिक चिकित्सा जैसी सभी प्रणालियों की चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हों।

पर्वतीय क्षेत्रों में पैदा होने वाली जड़ी बूटियों के लिए प्रोसेसिंग हब भी स्थापित किए जा सकते हैं। उत्तराखंड में आइटी, बायोटेक्नोलॉजी की भी अपार संभावनाएं हैं। धार्मिक, साहासिक, सांस्कृतिक, प्राकृतिक, वेलनेस व विलेज टूरिज्म के माध्यम से उत्तराखंड की पहचान बहुआयामी पर्यटन हब के तौर पर बनाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि राज्य को इनोवेशन हब भी बनाया जा सकता है। उत्तराखंड में इंटरनेट कनेक्टिविटी को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। उत्तराखंड में सेज की तर्ज पर एक्सक्लूसिव डिजिटल जोन की स्थापना भी की जा सकती है, जिसमें आइटी आधारित सेवाओं को शुरू किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में विभिन्न क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाएं विकसित करने के लिए निवेश किया जा सकता है। इनमें सड़क सुधार व सड़क सुरक्षा, रोपवे, मास रेपिड ट्रांजिट सिस्टम, पेयजल अवस्थापना, सीवरेज, जल स्रोतों का पुनर्जीवीकरण, जमरानी, सौंग व त्यूनी प्लासो बांध निर्माण, माइक्रो हाइड्रो प्रोजेक्ट, पावर ट्रांसमीशन लाइनों की स्थापना, शहरी क्षेत्रों में अवस्थापना विकास, ऋषिकेश में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कन्वेंशन सेंटर की स्थापना व टिहरी को टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करना प्रमुख है। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के अलावा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देंवेंद्र फड़नवीस व बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी उपस्थित थे।

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