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उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने अग्निवीर भर्ती को लेकर फिर उठाए सवाल, कही ये बात

देहरादून। वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी, प्रसिद्ध जनसेवी एवँ जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने अग्निवीर योजना पर एक बार फिर सवाल उठाए हैं। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई ‘अग्निपथ योजना’ के द्वारा अग्निवीर बनाने का जमकर विरोध किया एवं इसे युवाओं के लिए अनुचित बताया।

वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने इस योजना का पुरज़ोर विरोध करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ‘अग्निपथ योजना’ के ज़रिए अग्निवीर बनाने के नाम पर देश के युवाओं के साथ छलावा कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार इस योजना के ज़रिए देश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।

उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने प्रदेश में की जा रही अग्निवीर भर्ती के मानकों पर कईं सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इस भर्ती में नियमों की अनदेखी की जा रही है।भर्ती के मानकों में व्याप्त विसंगतियों के चलते उत्तराखंड के युवा सफल नहीं हो पा रहे हैं। भर्ती में दौड़ का समय कम और जवानों की लंबाई को अधिक करने से राज्य के युवा भर्ती से बाहर हो रहे हैं।

जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने कहा कि इस भर्ती योजना को लेकर केंद्र व राज्य सरकार के मंत्री ही एकमत नहीं हैं। उन्होंने कहा उत्तराखंड के पर्यटन एवं लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज व केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट के बीच इस योजना के मानकों को लेकर मतभेद गहरा गया है। उन्होंने सतपाल महाराज का उदाहरण देते हुए कहा कि जब उत्तराखंड के पर्यटन एवं लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ही इस भर्ती योजना के मानकों पर सवाल उठा रहे हैं तो इससे साफ अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि किस प्रकार सरकार युवाओं के सपनों से खेल रही है।

जनसेवी भावना पांडे ने इस भर्ती प्रक्रिया में कईं खामियां गिनवाते हुए कहा कि भर्ती के दौरान 300 युवाओं को एक साथ दौड़ाया जा रहा है औऱ 8 से 10 युवा ही चुने जा रहे हैं जबकि पहले 300 में से 60 चुने जाते थे। उन्होंने कहा कि 1600 मीटर दौड़ के लिए 5.40 सेकंड का समय तय है, लेकिन पांच मिनट में ही दौड़ समाप्त कर रहे हैं। वहीं राज्य के युवाओं के लिए 163 सेंटीमीटर लंबाई का मानक है, लेकिन 170 सेंटीमीटर लंबाई के युवाओं का ही चयन हो रहा है।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का युवा अग्निवीर भर्ती के दौरान खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है। राज्य का हताश युवा  वीडियो क्लिप बनाकर व पत्र लिखकर अपनी निराशा ज़ाहिर कर रहा है। वहीं भर्ती के दौरान बाहर हो चुके कुछ निराश युवकों के द्वारा अपनी डिग्रियां जलाए जाने के वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं।

जेसीपी मुखिया भावना पांडे ने भर्ती के पैरामीटर पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि उत्तराखंड के युवाओं के लिए भर्ती के अलग मानक हैं। उन्हें लंबाई में छूट दी गई है, लेकिन यह अग्निपथ योजना है, जिसमें बहुत सी चीजों की अनदेखी हुई है। आने वाले समय में युवाओं को कईं दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा जल्दबाजी में यह योजना शुरू की गई है। इस योजना पर गंभीरता से विचार नहीं हुआ। इस भर्ती में उत्तराखंड के युवाओं के लिए क्या छूट है,  भर्ती अधिकारी खुलकर ये भी नहीं बता रहे हैं।

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