अग्निवीर भर्ती के दौरान असफल हुए युवाओं को उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने दिया ये संदेश
देहरादून। उत्तराखंड की बेटी, वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी एवं जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने प्रदेश में की जा रही अग्निवीर भर्ती के मानकों पर कईं सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इस भर्ती में नियमों की अनदेखी की जा रही है। भर्ती के मानकों में व्याप्त विसंगतियों के चलते उत्तराखंड के युवा सफल नहीं हो पा रहे हैं। भर्ती में दौड़ का समय कम और जवानों की लंबाई को अधिक करने से राज्य के युवा भर्ती से बाहर हो रहे हैं।
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सरकार द्वारा इस भर्ती प्रक्रिया को काफी जटिल बनाया गया है। भर्ती में बाहर होने वाले युवा निराशा में घिरकर अवसाद के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अग्निवीर बनाने के नाम पर केंद्र सरकार देश के युवाओं के साथ छलावा व उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का युवा अग्निवीर भर्ती के दौरान खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है। राज्य का हताश युवा वीडियो क्लिप बनाकर व पत्र लिखकर अपनी निराशा ज़ाहिर कर रहा है। वहीं भर्ती के दौरान बाहर हो चुके कुछ निराश युवकों के द्वारा अपनी डिग्रियां जलाए जाने के वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं।
जनसेवी भावना पांडे ने राज्य के युवाओं की पीड़ा बयां करते हुए कहा कि अग्निवीर भर्ती में असफल होने के कारण निराशा में डूबे युवक अब गलत रास्ता अपनाकर मजबूरी में आत्महत्या भी करने लगे हैं। उन्होंने ऐसी ही एक घटना का ज़िक्र करते हुए कहा कि पौड़ी जनपद के सतपुली के अंतर्गत ग्राम नौगांव कमन्दा में अग्निवीर भर्ती के दौरान असफल होने से मायूस 23 साल के युवक ने गले में फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। बताया जा रहा है कि भर्ती का यह युवक का अंतिम वर्ष था।
उन्होंने इस दुःखद घटना पर अफ़सोस जताते हुए व युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि आत्महत्या जैसा कदम उठाया किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि युवा देश का भविष्य हैं, उन्हें अपनी हिम्मत को बरकरार रखना चाहिए और कभी निराश नहीं होना चाहिए। उन्होंने सभी से निवेदन करते हुए कहा कि अग्निवीर भर्ती में असफल होने पर कोई भी युवा गलत कदम न उठाए, जीवन में और भी अवसर आएंगे बस सब्र रखकर प्रयास करते रहें। याद रखें ये जीवन सिर्फ एक बार ही मिलता है। उन्होंने कहा कि वे उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं के हक़ के लिए हमेशा आवाज़ उठाती रहीं हैं और अन्याय के विरुद्ध उनकी ये जंग आगे भी जारी रहेगी।