शहीद लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला की शहादत पर उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने किया नमन
देहरादून। भारत और पाकिस्तान के बीच सियाचिन को लेकर हुई झड़प में शामिल रहे 19 कुमाऊं रेजीमेंट के लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर 38 साल बाद सियाचिन में मिला है। उनकी शहादत पर उत्तराखंड की बेटी, वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी, प्रसिद्ध जनसेवी एवं जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने नमन कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी है।
जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सियाचिन को लेकर हुई झड़प में शामिल रहे 19 कुमाऊं रेजीमेंट के लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर 38 साल बाद सियाचिन ग्लेशियर में मिला है। उन्होंने कहा कि देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर शहीद लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला की कुर्बानी को भुलाया नहीं जा सकता।
उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने कहा कि मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट के हाथीगुर बिंता निवासी चंद्रशेखर हर्बोला 19 कुमाऊं रेजीमेंट में लांसनायक थे। वह 1975 में सेना में भर्ती हुए थे। 1984 में भारत और पाकिस्तान के बीच सियाचिन के लिए युद्ध लड़ा गया था। भारत ने इस मिशन का नाम ऑपरेशन मेघदूत रखा था। भारत की ओर से मई 1984 में सियाचिन में पेट्रोलिंग के लिए 20 सैनिकों की टुकड़ी भेजी गई थी। इसमें लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला भी शामिल थे। सभी सैनिक सियाचिन में ग्लेशियर टूटने की वजह से इसकी चपेट में आ गए, जिसके बाद किसी भी सैनिक के बचने की उम्मीद नहीं रही थी।
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने शहीद लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला की शहादत पर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए उनके परिवारजनों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य और साहस प्रदान करने की ईश्वर से कामना की। साथ ही उन्होंने राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा कि शहीद लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला के परिजनों को हर संभव मदद प्रदान की जाए एवं राजकीय सम्मान में प्रशासन की ओर से होने वाली सभी भूमिकाओं का पूरी तरह निर्वहन किया जाए।
जनसेवी भावना पांडे ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि के साथ ही वीरों की भूमि भी है, यहां लगभग हर दूसरे घर से कोई न कोई व्यक्ति सेना में है। उन्होंने वीर सैनिकों के साहस और देशसेवा के प्रति उनके ज़ज़्बे को प्रणाम किया और शहीदों के बलिदान पर उन्हें नमन किया।