Uttarakhand

विमुद्रीकरण के कारण रबी की बुवाई में देरी हो गई है : CM

मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा है कि विमुद्रीकरण के कारण रबी की बुवाई में देरी हो गई है। हालांकि विशुद्ध बोए गए क्षेत्र में केवल 5 से 10 प्रतिशत कमी ही परिलक्षित हो रही है परंतु बुवाई में देरी का प्रभाव उत्पादन पर अवश्य पड़ेगा। इसलिए रबी की फसल पर बीमा कवर की अवधि को 15 फरवरी 2017 तक विस्तारित किया जाए। वाणिज्यिक बैंकों की वर्तमान में प्राथमिकता नकदी प्रबंधन है, जिससे कृषि के लिए ऋण व अन्य गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। इसलिए बैंकों को इन कठिन परिस्थितियों में काम करने के लिए अतिरिक्त स्टाफ लगाए जाने के निर्देश दिए जाएं। 



देहरादून। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली को पत्र लिखकर विमुद्रीकरण के बाद राज्य में कृषि व काश्तकारों को हो रहे नुकसान की ओर ध्यान आकृष्ट किया है। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार सुरेद्र कुमार ने यह जानकारी देते हुए बताया है कि मुख्यमंत्री श्री रावत ने अपने पत्र में सहकारी क्षेत्र को कृषि ऋण के लिए सहकारी बैंकों को भी नकदी उपलब्ध करवाए जाने, रबी की फसल पर बीमा कवर की अवधि को 15 फरवरी 2017 तक विस्तारित करने व राज्य के करेंसी चेस्ट में नकदी का समुचित प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री से अनुरोध किया है।

मुख्यमंत्री श्री रावत ने अपने पत्र में कहा है कि 500 व 1000 के नोट के विमुद्रीकरण के बाद सहकारी बैंकों द्वारा जमाएं स्वीकार नहीं की जा रही हैं। खरीफ की फसल के बाद किसान अपनी नकदी को सहकारी बैंकों में स्थित अपने खातों में जमा नहीं कर पा रहे हैं। परिणामस्वरूप वे रबी की फसल के लिए फर्टीलाईजर, बीज आदि खरीदने के लिए कृषि फसल ऋण नहीं ले पा रहे हैं। इससे राज्य में रबी की फसल के उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ने की पूरी सम्भावना है।

मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा है कि प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों व जिला सहकारी बैंकों में किसान अपना धन जमा नहीं करा पा रहे हैं जिससे इस संस्थाओं से उनके द्वारा लिए ऋणों पर डिफाल्टर हो रहे हैं। इससे उनकी क्रेडिट क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। राज्य सरकार, जिला सहकारी बैंकों व अन्य अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों में किसानों के खाते खोलने पर पूरा प्रयास कर रही है। जिला प्रशासन को दैनिक आधार पर इसके लिए कैम्प आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं। परंतु सहकारी बैंकों में नकदी की कमी होने से, वे रबी सीजन के लिए कृषि ऋण नहीं दे पा रहे हैं। सहकारी क्षेत्र को भी नकद करेंसी उपलब्ध करवाए जाने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा है कि उत्तराखण्ड में बैंकों ने 80 प्रतिशत डेबिट कार्ड निर्गत किए हैं परंतु एक्टीवेशन संबंधी समस्या के कारण बैंकों से नए प्री एक्टीवेटेड कार्ड निर्गत किए जाने की आवश्यकता है। उत्तराखण्ड में आधार नामांकन 85 प्रतिशत है, परंतु केवल 60 प्रतिशत लोगों को ही आधार कार्ड मिल पाए हैं। इसलिए यूआईडीएआई को निर्देशित किया जाए कि लोगों को आधार कार्ड जल्द से जल्द उपलब्ध करवाए जाएं। उत्तराखण्ड में अभी भी नकदी की भारी समस्या है। इससे बैंक, व्यापार, उद्योग, किसान, श्रमिक आदि सभी वर्ग प्रभावित हो रहे हैं। राज्य के करेंसी चेस्ट में  नकदी का समुचित प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए संबंधित को निर्देशित किया जाए।

विमुद्रीकरण के बाद वैट, एक्साईज, स्टाम्प, रजिस्ट्रेशन आदि में राज्य सरकार के राजस्व में कमी आई है। इसकी भरपाई के लिए केंद्र सरकार द्वारा विशेष सहायता प्रदान की जाए। राज्य में स्थित बैंकों ने 25 हजार पीओएस व 914 वीसैट की मांग की है। केंद्र सरकार इनकी आपूर्ति शीघ्रताशीघ्र करे। प्रशासन को केंद्र सरकार के विजन के तहत लैस कैश के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए निर्देशित किया गया है । केंद्र सरकार भी विमुद्रीकरण के कारण राज्य के सम्मुख उत्पन्न कठिनाईयों को कम करने के लिए आवश्यक कार्यवाही करे।

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