विपक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज 11:30 बजे होगी सुनवाई
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच रविवार को सुप्रीम कोर्ट विपक्षी दलों की याचिका पर सुनवाई करेगा। शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस नेदेवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को शपथ दिलाने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फैसले को चुनौती दी है। विपक्ष ने राज्यपाल के फैसले को मनमाना और दुर्भावनापूर्ण बताया है। तीनों पार्टियों ने मांग की है कि विधायकों की खरीद-फरोख्त रोकने के लिए सरकार गठन के 24 घंटे में फ्लोर टेस्ट हो जाए। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंचमामले की सुनवाई करेगी।
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पत्रकारों से बातीचत में कहा, “सुप्रीम कोर्ट में याचिका तीन दलों की तरफ से शाम को दायर की गई। हमने देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के अवैध और असंवैधानिक सरकार गठन के खिलाफ तुरंत फ्लोर टेस्ट की मांग की है। रजिस्ट्री ने हमें रविवार 11:30 बजे का समय दिया है। हमें विश्वास है कि कानून और संविधान का गौरव बचा रहेगा और भाजपा जिसने लोकतंत्र की हत्या का कॉन्ट्रैक्ट लिया है, उसे करारा जवाब मिलेगा।
कांग्रेस-राकांपा-शिवेसना की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत ने बताया, “हमने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि फडणवीस और भाजपा के पास बहुमत नहीं है। राज्यपाल ने इसके बावजूद उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बना दिया। हमने कोर्ट से अपील की है कि रविवार को फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दें, जैसा कि कर्नाटक में किया गया था। हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट हमें सुनेगा।’’
वहीं, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील जयंत सूद ने बताया कि इस मामले में शिवसेना और कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट में इस आधार पर शपथ ग्रहण को चुनौती दे भी देते हैं कि राकांपा ने उन्हें धोखा दिया है तो भी उन्हें कोई राहत नहीं मिलेगी। इसके दो कारण हैं। पहला दोनों दलों की सीटों को मिलाकर भी वे बहुमत का आंकड़ा पार नहीं कर सकते। दूसरा कारण यह है कि अगर सुप्रीम कोर्ट में भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के शपथ ग्रहण समारोह को चुनौती दे भी दी जाती है तो सुप्रीम कोर्ट इस विवाद को निपटाने के लिए फ्लोर टेस्ट का ही आदेश करेगा, जिसमें भाजपा जीत हासिल कर सकती है। लिहाजा, उन्हें कुछ हासिल नहीं होगा।