Breaking NewsNational

विरासत में मिली समाजसेवा की प्रेरणाः गोयल

पांवटा साहिब, (कमल सिंह कठैत)।  समाजसेवा के कार्य करने की प्रेरणा विरासत में मिली है। ये कहना है पांवटा साहिब क्षेत्र के प्रसिद्ध समाजसेवी एवं उघोगपति विनोद गोयल का। विनर टाइम्स के हिमाचल प्रतिनिधि कमल सिंह कठैत से रूबरू होते हुए श्री गोयल ने बताया कि वे बीेत काफी वर्षों से जनसेवा के कार्य करते आ रहे हैं। उन्हें इस पुण्य कार्य की प्रेरणा अपने माता—पिता से ही प्राप्त हुई।

गौरतलब है कि श्री गोयल पूर्व में पांवटा साहिब नगर पालिका परिषद में पार्षद भी रहे हैं। इस दौरान उन्होंने अपने क्षेत्र में अनेकों विकास कार्य करवाये। उनके द्वारा करवाये गये कार्यों में सड़कों एवं खड़ंजों का निर्माण, पानी की निकासी के लिए नालियों का निर्माण, पाइपर्लाइन बिछवाने एवं बिजली—पानी की सप्लाई सुचारू करवाने आदि प्रमुख हैं। उन्होंने अपनी आगामी राजनीतिक योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि यदि क्षेत्र जनता का सहयोग एवं स्नेह उन्हें प्राप्त हुआ तो वे जनहित को देखते हुए निश्चित तौर पर भविष्य में कोई चुनाव लड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में वे अपनी एक अलग पहचान रखते हैं जिसका लाभ उन्हें राजनीतिक तौर पर मिल सकता है।

इसके साथ ही श्री गोयल एक सफल उद्योगपति के तौर पर भी पहचाने जाते हैं। पावंटा साहिब नगर क्षेत्र में उनका फर्नीचर का एक भव्य शोरूम भी है जहां अत्याधुनिक किस्म उच्च क्वालीटी के दरवाजे, मॉड्यूलर किचन और साज—सज्जा का अन्य सामान उचित दामों पर बेचा जाता है। उन्होंने अपने उत्पादों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि शोरूम में बेचे जाने वाले लकड़ी के सामान एवं दरवाजों के निर्माण के लिए उन्होंने कारखाने की स्थापना की हुई है, जिसके आधुनिक और मजबूत दरवाजों का निर्माण किया जाता है।

Advertisements
Ad 13

उन्होंने दावा करते हुए कहा कि विश्व में इससे बेहतरीन दरवाजे कोई नहीं बनाता। इन दरवाजों का निर्माण सागवान की लकड़ी से किया जाता है जिनमें अधिक मात्रा में ग्रेस पाया जाता है। उन्होंने बताया कि उनके यहां कार्यरत कर्मचारी आधुनिक डिजाइन से सुसज्जित दरवाजों का निर्माण करते हैं। वहीं दरवाजों की चौखटें भी काफी मजबूत होती हैं। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में यह अपनी तरह की पहली इंडस्ट्री है, जिसके उत्पाद हिमाचल प्रदेश समेत देश एवं विदेशों में बेचे जाते हैं।

उन्होंने बताया कि करोड़ों रूपयों की लागत से खरीदी गई आधुनिक मशीनों के द्वारा इन उत्पादों का निर्माण किया जाता है। उन्होंने बताया कि उनके पूर्वजों ने नगर क्षेत्र में गीताभवन नामक एक धर्मशाला का निर्माण भी करवाया था जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को काफी राहत एवं सुविधा प्राप्त होती है। इसके साथ ही उनके परिजनों ने अनेकों जनसेवा के कार्य करवाये हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button