वित्त मंत्री की दलील पर मारुति ने खड़े किए सवाल
गुवाहाटी। मारुति सुजुकी इंडिया के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (मार्केटिंग एंड सेल्स) शशांक श्रीवास्तव ने बुधवार को कहा कि ओला और उबर जैसी सर्विस को ऑटो इंडस्ट्री में मंदी की ठोस वजह नहीं कहा जा सकता। निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए विस्तृत अध्ययन की जरूरत है।
श्रीवास्तव ने कहा कि ओला और उबर तो पिछले 6-7 साल से हैं। इस दौरान ऑटो इंडस्ट्री ने अच्छा दौर भी देखा। पिछले कुछ महीनों में ही वाहन बिक्री में गिरावट तेज क्यों हुई? सिर्फ ओला-उबर इसकी वजह नहीं मानी जा सकती। उधर, कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने तंज कसा है कि अर्थव्यवस्था के मामले में सरकार कन्फ्यूज है।
वहीं प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा- चुनाव के पहले बोला गया कि ओला-उबर ने रोजगार बढ़ाए हैं। अब बोला जा रहा है कि ओला-उबर की वजह से ऑटो सेक्टर में मंदी आ गई। भाजपा सरकार अर्थव्यवस्था के मामले में कन्फ्यूज है।
वहीं, श्रीवास्तव ने उदाहरण देकर कहा कि अमेरिका में उबर एक बड़ी सर्विस प्रोवाइडर है। फिर भी वहां पिछले कुछ सालों में कारों की बिक्री में जबरदस्त तेजी आई। भारतीय कार बाजार में 46% ग्राहक ऐसे होते हैं जो पहली बार कार खरीदते हैं। सप्ताह के दिनों में लोग ऑफिस जाने के लिए ओला-उबर का विकल्प चुन सकते हैं, लेकिन वीकेंड पर परिवार के साथ बाहर जाने के लिए निजी वाहन की जरूरत पड़ती है।
श्रीवास्तव के मुताबिक देश में ऑनरशिप पैटर्न अभी भी नहीं बदला है। लोग महत्वाकांक्षा के नजरिए से कार खरीदते हैं। ऑटो मार्केट में मंदी की कई वजह हैं। इनमें नकदी की कमी, रेग्युलेटरी मुद्दों के चलते कीमतें बढ़ना, ज्यादा टैक्स और बीमा महंगा होने जैसी वजह भी शामिल हैं। सरकार ने पिछले महीने जो ऐलान किए वे मौजूदा मंदी से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। हालांकि, वे लंबी अवधि में मददगार होंगे।
सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (एसआईएएम) के मुताबिक अगस्त में वाहन बिक्री 23.55% घट गई। अप्रैल से अगस्त तक 15.89% गिरावट दर्ज की गई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा था कि युवा नई कार की ईएमआई भरने की बजाय ओला और उबर जैसी सर्विस का इस्तेमाल करना पसंद कर रहे हैं। वाहन बिक्री घटने की ये भी एक वजह है।