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…वो मुझे सीधे अपने कमरे में लेकर गए और मेरे साथ दुष्‍कर्म किया

उन्‍नाव। यूपी के उन्नाव में हुए दुष्‍कर्म कांड में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। अब पीड़ि‍ता ने अपनी आपबीती सुनाई है। उन्‍होंने बताया कि बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की वजह से आठवीं कक्षा में पढ़ाई छोड़ दी थी। बलात्‍कार की घटना को याद कर पीड़ि‍ता ने बताया कि सेंगर ने 4 जून, 2017 को नौकरी देने का वादा कर अपने घर बुलाया था। उन्‍होंने कहा, ‘जब में बीजेपी विधायक के घर पहुंची तो वो मुझे सीधे अपने कमरे में लेकर चले गए थे। विधायक का एक आदमी कमरे के बाहर पहरेदारी कर रहा था। बीजेपी नेता ने मेरे साथ दुष्‍कर्म किया था।

मैं जोर से चिल्‍लाई थी, लेकिन मेरी मदद के लिए कोई भी व्‍यक्ति सामने नहीं आया था। दुष्‍कर्म के बाद भाजपा विधायक ने मुझे सीधे घर जाने की हिदायत दी थी। उस वक्‍त में रो रही थी। उसने मेरे आंसू पोछे थे और कहा था कि वह मुझे अच्‍छी नौकरी दिलाएगा। मैंने जब शिकायत दर्ज कराने की बात कही थी विधायक ने मेरे पिता और चार साल के भाई की हत्‍या करने की धमकी दी थी।’ पीड़ि‍ता ने बताया कि इस घटना के बाद वह सीधे घर पहुंची थी और बिल्‍कुल गुमसुम थी। उन्‍होंने बताया कि वह तकलीफ में थीं। मेरी मां मुझसे लगातार पूछ रही थीं कि क्‍या मैं ठीक हूं? मेरी बहनों ने भी मुझसे पूछा था कि मैं मुस्‍कुरा क्‍यों नहीं रही हूं? लेकिन मैं चुप थी।

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दुष्‍कर्म के सात दिन बाद कर लिया था अगवा:

पीड़ि‍ता ने बताया कि विधायक कुलदीप सेंगर द्वारा दुष्‍कर्म करने के सात दिन बाद वह प्‍लम्‍बर को बुलाने के लिए घर से बाहर निकली थीं। उसी वक्‍त एसयूवी से आए तीन लोगों ने उन्‍हें अगवा कर लिया था। कथित तौर पर अगले नौ दिनों तक नशीला पदार्थ खिलाकर उनके साथ दुष्‍कर्म किया जाता रहा। इस दौरान उन्‍हें अलग-अलग जगहों पर ले जाया गया था। पीड़ि‍ता ने कहा, ‘वे सभी मुझे लगातार दवा खिला रहे थे। एक बार मैंने भागने की कोशिश की थी, लेकिन उनलोगों ने मुझे पकड़ लिया था और फिर से दवा खिला दी थी।

मैंने तीन में से दो लोगों को पहचान लिया था, क्‍योंकि वह अक्‍सर सेंगर के घर के आसपास दिखाई देता था। तीनों ने मुझे बेचने की भी कोशिश की थी। एक व्‍यक्ति ने 60 हजार रुपये में मेरा सौदा भी कर लिया था। लेकिन, पुलिस की खोजबीन के कारण वह ऐसा नहीं कर सका था।’ पीड़ि‍ता की मां ने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी थी, जिसके बाद पुलिस तलाश में जुट गई थी। तीनों को जब इसका पता चला तो उन्‍होंने मुझे वापस छोड़ दिया था। पुलिस ने बाद में शुभम सिंह, बृजेश यादव और अवध नारायण को गिरफ्तार कर लिया गया था।

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