Weather Report : उत्तराखंड में बारिश का कहर, बढ़ी लोगों की मुसीबतें
Uttarakhand Weather Update : उत्तराखंड में भारी बारिश और भूस्खलन से जन जीवन अस्तव्यस्त हो गया है। कई हाइवे बंद हो गए हैं जिससे यातायात पर असर पड़ा है।
देहरादून। उत्तराखंड में लगातार बारिश ने लोगों की मुसीबते बढ़ा दी हैं। मौसम विभाग द्वारा प्रदेश के अधिकांश जिलों में बुधवार के लिए बारिश का रेड अलर्ट जारी करने के मद्देनजर प्रशासन को 24 घंटे मुस्तैद रहने को कहा गया है। प्रदेश के ज्यादातर स्थानों पर बारिश जारी रहने के कारण नदी-नाले उफान पर हैं और राष्ट्रीय राजमार्गों समेत अनेक मार्ग यातायात के लिए अवरूद्ध हो गये हैं, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हो रहा है। मौसम विभाग द्वारा देहरादून सहित आठ जिलों में बारिश के रेड अलर्ट तथा दो जिलों में आरेंज अलर्ट जारी करने के मद्देनजर उन जिलों के स्कूलों में बुधवार को छुटटी रही।
पिथौरागढ़ जिले में गौरीगंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर
राज्य आपातकालीन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, पिथौरागढ़ जिले में गौरीगंगा नदी खतरे के निशान को पार कर गयी है जबकि उधमसिंहनगर जिले में फीका बैराज में पानी का स्तर अधिकतम बाढ़ स्तर से ऊपर चला गया है। पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी और बंगापानी में गौरी गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जबकि उधमसिंहनगर जिले के जसपुर में फीका बैराज अधिकतम जलस्तर को पार कर गया है। इनके जलस्तर में हो रही वृद्धि को देखते हुए संबंधित जिलों के जिलाधिकारयों को इस पर लगातार निगरानी रखने तथा पर्याप्त सावधानी बरतने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उधर, चमोली जिले में भी भारी बारिश के चलते नदियां पूरे उफान पर है।
पिंडर का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात
जिले के थराली क्षेत्र में पिंडर और उसकी सहायक नदी प्राणमति का जल स्तर फिर बढ़ गया है, जिससे तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति बन गयी है। तेरह अगस्त से थराली नगर में बारिश के बाद प्राणमति के उफान पर आने से तटवर्ती इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं। सोल घाटी से प्रवाहित होने वाली प्राणमति नदी में पिछले सप्ताह भी भारी बारिश के बाद पानी और मलबे का वेग इतना बढ़ गया था कि इसने कुछ देर के लिए पिंडर नदी के बहाव को रोक दिया और प्राणमति और पिंडर के संगम पर झील बन गई थी। थराली के मुख्य बाजार से पहले पड़ने वाले निचले इलाके में नदी का पानी भर गया जो बाद में निकल गया लेकिन वहां बना मंदिर, खेत तथा अन्य स्थान मलबे, रेत और बोल्डर से पट गए थे। हालांकि, 13 अगस्त को बाढ़ जैसे हालात के मद्देनजर तट के आसपास स्थित मकानों को खाली करा लिया गया था जिससे कोई जनहानि नहीं हुई।
भूस्खलन से ऋषिकेश—बदरीनाथ हाईवे बंद
बारिश के चलते भूस्खलन होने के कारण ऋषिकेश—बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग चमोली के समीप छिनका, मैठाणा, नन्दप्रयाग, पागलनाला व बेलाकुची जैसे अनेक स्थानों पर बंद हो गया है। ऋषिकेश—चंबा—धरासू राष्ट्रीय राजमार्ग टिहरी में बगड़धार के पास पहाड़ से मलबा आने के कारण बाधित है। ऋषिकेश—देवप्रयाग—श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग भी भूस्खलन के कारण बंद है। पौड़ी में कोटद्वार—दुगड्डा राष्टीय राजमार्ग भी बाधित है । उधमसिंह नगर जिले में काशीपुर में ढेला नदी के ऊपर बना पुल क्षतिग्रस्त होने से राष्ट्रीय राजमार्ग 74 बंद है। पिथौरागढ़ जिले में रामगंगा पुल—क्वीटी—बिर्थी राष्ट्रीय राजमार्ग बनिक के पास बहने के कारण यातायात के लिए अवरूद्ध है।
काशीपुर में 100 मिमी बारिश
प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान अनेक स्थानों पर भारी बारिश दर्ज की गयी । लीती में 183 मिमी, काशीपुर में 100 मिमी, बाजपुर में 62 मिमी, नरेंद्रनगर में 60 मिमी, मुनस्यारी में 51.5 मिमी, जसपुर और गैरसैंण में 50 मिमी,उत्तरकाशी में 49 मिमी, कर्णप्रयाग में 42, देहरादून में 41.9 मिमी, डीडीहाट में 48.2 मिमी, रूद्रपुर में 40 मिमी और चमोली में 39.4 मिमी बारिश रिकार्ड की गयी। मौसम विभाग ने अपने ताजा पूर्वानुमान में प्रदेश के आठ जिलों— टिहरी, देहरादून, पौड़ी, बागेश्वर, चंपावत, नैनीताल, उधमसिंह नगर और हरिद्वार में बुधवार के लिए बारिश का रेड अलर्ट तथा चमोली और रूद्रप्रयाग में आरेंज अलर्ट जारी करते हुए कहीं—कहीं बहुत भारी से अत्यंत भारी बारिश होने तथा बादलों की गरज और बिजली की चमक के साथ वर्षा का अत्यंत तीव्र दौर शुरू होने की आशंका व्यक्त की है। इसके मददेनजर रेड अलर्ट वाले जिलों में कक्षा एक से 12 तक के स्कूल बंद रखे गए । चमोली जिले के दशोली और नंदानगर विकासखंड के सभी विद्यालय भी बुधवार को बंद रहे।